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विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर के मुख्य आतिथ्य में रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में पर्यावरण कार्यक्रम आयोजित किये गए

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर के मुख्य आतिथ्य में रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में पर्यावरण कार्यक्रम आयोजित किये गए

गोरखपुर, 05 जून, 2025: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 05 जून 2025 को पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर के मुख्य आतिथ्य में रेलवे प्रेक्षागृह, गोरखपुर में पर्यावरण संरक्षण से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री नरेश कुमार एवं प्रमुख विभागाध्यक्षों ने पर्यावरण स्थिरता पर यांत्रिक विभाग द्वारा मुद्रित रिपोर्ट ‘‘इन्वायरमेन्ट सस्टेनेबिलिटी रिपोर्ट 2024-25‘‘ का विमोचन किया। पर्यावरण संरक्षण हेतु रेलवे प्रेक्षागृह में महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर, प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री नरेश कुमार सहित प्रमुख विभागाध्यक्षों, वरिष्ठ अधिकारियों तथा पूर्वोत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन (नरवो) की सदस्याओं ने पौधारोपण किया और महाप्रबन्धक ने कोचिंग डिपो एवं ईएनएचएम, यांत्रिक विभाग गोरखपुर द्वारा लगाई गई स्वच्छता प्रदर्शनी का निरीक्षण किया। इस अवसर पर महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने रेलवे प्रेक्षागृह में नवस्थापित एल.ई.डी. वीडियोवाल का शुभारम्भ किया। एल.ई.डी. स्क्रीन लग जाने से बैकड्राप में लगने वाले बैनर पेपर की बचत होगी।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर महाप्रबन्धक सुश्री सौम्या माथुर ने कहा कि आज का आयोजन हमारे लिए जिम्मेदारी की बात है। हम सभी आज यहॉ विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह एक ऐसा दिन है जो दुनिया के हर नागरिक से यह आग्रह करता है कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी पर विचार करें और आने वाली पीढियों के लिए अपने ग्रह की रक्षा करने के लिए संकल्प लें।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा इस वर्ष का विषय ‘‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें‘‘ घोषित किया गया है। यह विषय मात्र एक नारा नही है यह हमारे लिए एक चुनौती है, एक मिशन है, और एक नैतिक जिम्मेदारी है जिसे हम सभी को अपनाना होगा।

उन्होने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण हमारे समय की सबसे गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक है। हर वर्ष पूरे विश्व में 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, और इसका एक बड़ा हिस्सा हमारी नदियों, महासागरों और मिट्टी में पहुंच जाता है, जिससे वन्य जीवन, जैव विविधता सम्पन्न क्षेत्र और मानव स्वास्थ्य पर गम्भीर खतरे उत्पन्न होते हैं। विशेष रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक हमारे पर्यावरण को लगातार प्रदूषित कर रहा है और एक चोक प्वाइंट पर आ गया है तथा दम घोंटने की कगार पर ला रहा है।

भारतीय रेल और विशेष रूप से पूर्वोत्तर रेलवे का हिस्सा होने के नाते, हम पर एक विशेष जिम्मेदारी है। हम केवल लोगों और वस्तुओं को ही नही, बल्कि विचारों, जागरूकता और प्रगति को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुॅचाते हैं। इसलिए प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता केवल प्रतीकात्मक नही, बल्कि व्यवहारिक भी होनी चाहिए। हमने अपने सभी स्टेशनों, कार्यालयों एवं ट्रेनों में सिंगल-यूज प्लास्टिक पर सख्ती से प्रतिबंध लागू किया है। एनजीटी द्वारा नामित 29 स्टेशनों सहित प्रमुख स्टेशनों पर प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनें लगाई गई हैं।

सुश्री माथुर ने कहा कि स्कूलों, स्काउट्स और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं, ताकि यात्रियों को प्लास्टिक के हानिकारण प्रभावों के बारे में शिक्षित किया जा सके। प्लास्टिक के बोतलबंद पानी पर निर्भरता कम करने के लिए जल पुनः भराव स्टेशनों की व्यवस्था की गई है।

पूर्वोत्तर रेलवे ने ‘‘एक पेड़ मॉ के नाम‘‘ अभियान के तहत 6.15 लाख पौधों का रोपण किया है और 39 स्टेशनों पर (कुल 390 किलोवाट क्षमता के) ऑन-ग्रिड सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 791 गंदगी वाले क्षेत्रों को स्वच्छ परिवेश में परिवर्तित किया गया है, तथा वाराणसी, छपरा और गाजीपुर सिटी लॉन्ड्री मे इन्फ्लुएंट ट्रीटमेन्ट प्लांट भी स्थापित किए गए हैं। लेकिन यह पर्याप्त नही है। सस्टेनेबिलिटी की यात्रा लंबी है, और हमें अपने प्रयासों को और अधिक व्यापक स्तर पर ले जाना होगा।

महाप्रबन्धक ने संकल्प दिलाया कि इस दिशा में हम सभी प्रमुख स्टेशनों को सख्त निगरानी और क्रियान्वयन के माध्यम से प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र बनाएंगे। स्थानीय विक्रेताओं के साथ मिलकर पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग को अपनाएंगे। स्टेशन परिसर और उसके आसपास जूट, कपड़े और कंपोस्ट योग्य सामग्री के उपयोग को बढावा देंगे। सभी रेलवे मंडलों में कचरे की छंटाई और पुनर्चक्रण की व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे। ऐसे यात्रियों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करेंगे, जो अपने स्वयं के पुनः उपयोग योग्य कंटेनर लाते है या सिंगल यूज प्लास्टिक को ठुकराते हैं।

महाप्रबन्धक ने कहा कि ये कदम भले ही छोटे हों, लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारतीय रेल द्वारा किया गया हर एक प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर परिवर्तन की प्रेरणा बन सकता है। इस विश्व पर्यावरण दिवस पर उन्होने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, यात्रियों, विक्रेताओं और हमारे सम्मानित साझेदारों से आग्रह किया कि जब भी संभव हो, प्लास्टिक का उपयोग न करें, अपनी बोतल या थैला स्वयं साथ लेकर चलें, कचरे का सही तरीके से पृथक्करण करें और दूसरों को प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक करें।

महाप्रबन्धक ने सभी से बदलाव का मशालधारक बनने का आह्वान किया ताकि पूर्वोत्तर रेलवे केवल अपनी सेवा के लिए ही नही बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी पहचानी जाए। उन्होंने संकल्प कराया कि आइए हम संकल्प लें कि हम ‘‘प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करेंगे‘‘ न केवल आज, बल्कि हर दिन।

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक का प्रस्तुतीकरण पूर्वोत्तर रेलवे भारत स्काउट एवं गाइड, जिला संघ गोरखपुर के सदस्यों द्वारा किया गया। उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर/ई.एन.एच.एम. श्री महेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा मुख्य चल स्टॉक इंजीनियर, ई.एन.एच.एम श्री अनिल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

पूर्वोत्तर रेलवे पर 22 मई से 05 जून, 2025 तक के विश्व पर्यावरण दिवस के अन्तर्गत 22 से 24 मई, 2025 तक ‘पर्यावरण जागरूकता अभियान‘ चलाया गया, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले प्रदूषण के प्रति जागरूक किया गया, 25 से 27 मई, 2025 तक ‘स्वच्छता अभियान‘ चलाया गया, जिसके अन्तर्गत स्टेशनों एवं कॉलोनियों में स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई करायी गयी, 28 से 30 मई, 2025 तक ‘प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने‘ हेतु रेल यात्रियों एवं आमजन को जागरूक किया गया, 31 मई से 02 जून, 2025 तक ‘सस्टेनेबल रेलवे ऑपरेशन‘ के अन्तर्गत पर्यावरण संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक तथा इको फ्रेन्डली उत्पाद के उपयोग के प्रति यात्रियों को जागरूक किया गया। 03 एवं 04 जून, 2025 को ‘जल संरक्षण में यात्रियों की भागीदारी‘ के अन्तर्गत प्लास्टिक के प्रयोग तथा जल प्रदूषण पर आधारित नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर सभी को जागरूक किया गया।

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