लखनऊ 15 अगस्त के बाद नए रूप में दिखेगा अमौसी एयरपोर्ट का रनवे, विमानों की लैंडिंग-टेकऑफ होगा आसान

लखनऊ 15 अगस्त के बाद नए रूप में दिखेगा अमौसी एयरपोर्ट का रनवे, विमानों की लैंडिंग-टेकऑफ होगा आसान
लखनऊ एयरपोर्ट में रनवे के नवीनीकरण का काम बीते कई महीनों से चल रहा है। 15 अगस्त के बाद जब ये शुरू होगा तब वह नए कलेवर में दिखेगा।
अमौसी एयरपोर्ट पर समानांतर टैक्सीवे आकार लेने लगा है। इसके बन जाने से रनवे पर विमानों की लैंडिंग व टेकऑफ आसान हो जाएगा। यह काम 15 अगस्त से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहली मार्च से दिन की उड़ानें बंद कर दी गई थीं। यहां सुबह 11 से शाम पांच बजे तक की उड़ानों का संचालन नहीं हो रहा है। इस दौरान अमौसी एयरपोर्ट पर तीन प्रमुख कार्य कराए जा रहे हैं। समानांतर टैक्सी वे, एजीएल सिस्टम अपग्रेडेशन व रनवे की रिकार्पेटिंग। इन कामों के पूरा हो जाने के बाद एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ जाएगी। विमानों का संचालन आसान व सुरक्षित हो जाएगा।
एयरपोर्ट प्रवक्ता ने बताया कि 15 जुलाई तक सुबह 11 से शाम पांच बजे तक निर्माण व मरम्मत कराई जाएगी। इसके बाद 16 जुलाई से 15 अगस्त तक सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक कार्य होंगे। लक्ष्य रखा गया है कि इस मियाद में ही सारे कार्य पूरे करा लिए जाएं, ताकि 16 अगस्त से दिन की उड़ानों का संचालन बहाल कर दिया जाए। सूत्र बताते हैं कि समानांतर टैक्सीवे का 60 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। अन्य कार्य भी प्रगति में हैं।
समानांतर टैक्सीवे से यह होगा लाभ
एयरपोर्ट पर मौजूदा रनवे की लंबाई 2,744 मीटर व चौड़ाई 45 मीटर है। इस रनवे के समानांतर एक टैक्सीवे (पी-9) बनाया जा रहा है। विमानों को लैंडिंग के बाद टैक्सीवे पर लाया जाता है, जिससे रनवे खाली होने पर दूसरी फ्लाइट लैंड व टेकऑफ करती है। समानांतर टैक्सीवे बन जाने से विमानों को आसानी से रनवे पर लाया व हटाया जा सकेगा, जिससे विमानों का संचालन तीव्र व सुगम हो सकेगा। इससे सुरक्षा भी बढ़ती है।सात साल बाद हो रही रिकार्पेटिंगएयरपोर्ट प्रवक्ता ने बताया कि एयरपोर्ट पर रनवे की रिकार्पेटिंग (मेंटेनेंस) वर्ष 2018 में हुई थी।
रिकार्पेटिंग के दौरान दौरान रनवे की मौजूदा परत हटाकर निर्धारित मानकों के अनुरूप डामर की नई परत चढ़ाई जा रही है। इससे रनवे पर लैंड व टेकऑफ करने वाले विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंकाएं खत्म हो जाएंगी। रनवे और टैक्सी वे सहित कुल 1.80 लाख वर्ग मीटर में रिकार्पेटिंग की जाएगी।एजीएल सिस्टम हो रहा उन्नतएयरपोर्ट पर इन दिनों तीसरा प्रमुख कार्य एजीएल सिस्टम को उन्नत बनाने का हो रहा है। एयरफील्ड ग्राउंड लाइटिंग (एजीएल) सिस्टम में हेलोजन को एलईडी में बदलने, एयरफील्ड साइनेज के उन्नयन के कार्य हो रहे हैं। इससे रात में विमानों की लैंडिंग सुरक्षित व आसान होगी। एलईडी लगने से 50 प्रतिशत तक बिजली खपत भी कम हो जाएगी।