लखनऊ हफ्तेभर से डीएल आवेदक परेशान, लौट रहे बैरंग, घंटों कतार में लगने के बाद भी नहीं मिल रहीं सुविधाएं

लखनऊ हफ्तेभर से डीएल आवेदक परेशान, लौट रहे बैरंग, घंटों कतार में लगने के बाद भी नहीं मिल रहीं सुविधाएं
लखनऊ सहित प्रदेशभर के आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आवेदकों को मुश्किलें पेश आ रही हैं। ये दिक्कतें हफ्तेभर से बनी हुई हैं। बायोमीट्रिक के पांच मिनट के काम में डेढ़-डेढ़ घंटे तक लग रहे हैं। बुधवार को भी यह समस्या बनी रही, जिससे आवेदकों को मायूस होकर घर लौटना पड़ा।पिछले हफ्ते से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने से जुड़े कामकाज तीन नई कंपनियों को सौंपा गया है। लखनऊ में कामकाज सिल्वर टच संभाल रही है। कंपनी ने हार्डवेयर इंस्टॉल कर लिया है, लेकिन कर्मचारियों के नए होने से कामकाज में समय लग रहा है। इस पर सर्वर भी साथ नहीं दे रहा है। बुधवार को एनआईसी का सर्वर पूरी तरह ठप रहा, जिससे डीएल से जुड़े काम नहीं हो सके।
लखनऊ में प्रतिदिन करीब 200 से ज्यादा परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदक आते हैं, लेकिन एक सप्ताह से इनका काम नहीं हो पा रहा है। इसमें एनआईसी के सर्वर के साथ ही कर्मचारियों की भी लापरवाही सामने आ रही है। आवेदकों की समस्याओं को मुख्यालय तक पहुंचाया गया, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है।
पोर्टल भी दे रहा धोखालर्निंग लाइसेंस में स्मार्टलॉक सॉफ्टवेयर की समस्या भी बनी हुई है। स्थायी लाइसेंस के लिए पोर्टल ही नहीं चल रहा है। आवेदक फीस भरने के बाद आरटीओ पहुंच रहे हैं, स्क्रूटनी व फोटो साइन में पोर्टल काम नहीं कर रहा। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि इसकी शिकायत एनआईसी को भेजी गई है, लेकिन उस पर सुनवाई नहीं हो रही। इससे अफसरों की संजीदगी पर सवाल उठ रहे हैं।
एनआईसी को समस्या के बारे में अवगत कराया गया है। आवेदकों की समस्याओं के निस्तारण के लिए बिंदुवार समस्याएं बताई गई हैं, जिसका निस्तारण जल्द होगा। II-किंजल सिंह, परिवहन आयुक्तI



