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लखनऊ साहब के घर में काम कर रहे 251 संविदा बिजली कर्मी, विभाग से दे रहे 25.10 लाख वेतन

लखनऊ साहब के घर में काम कर रहे 251 संविदा बिजली कर्मी, विभाग से दे रहे 25.10 लाख वेतन

निविदा एवं संविदा संघ के आरोप पर पॉवर कॉरपोरेशन अध्यक्ष ने मुख्य अभियंताओं और एजेंसी को तलब किया आज
पॉवर कॉरपोरेशन निविदा एवं संविदा संघ ने आरोप लगाया कि मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली व अयोध्या में 251 संविदा बिजली कर्मी साहब के घरों में काम कर रहे हैं। मगर, इनको औसतन 25.10 लाख रुपये का प्रतिमाह वेतन बिजली विभाग से दिया जा रहा है। पॉवर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस आरोप की सच्चाई जानने के लिए रविवार को सुबह 11 बजे मुख्य अभियंताओं एवं एजेंसी के जिम्मेदारों को तलब किया है। अध्यक्ष के इस आदेश से हड़कंप मच गया है।संघ के प्रमुख महासचिव देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि 4 सितंबर को अध्यक्ष के साथ उनके संगठन की वार्ता हुई थी। इस वार्ता में 251 ऐसे संविदा कर्मियों की सूची अध्यक्ष का सौंपी है, जो विभाग का काम ही नहीं करते हैं। एजेंसी ने इन संविदा कर्मियों को कुशल एवं अकुशल के रूप में उपकेंद्रों पर तैनाती दिखा रखी है। मगर, असल में यह संविदा कर्मी कुछ जूनियर इंजीनियर, उपखंड अधिकारी, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंताओं के घरों में सेवा कर रहे हैं। ऐसे एक संविदा कर्मचारी का वेतन औसतन 10 हजार रुपये प्रतिमाह है।

लाइनमैन चला रहे मेम साहब की कारउधर, देवेंद्र पांडेय ने बताया कि साहब लोगों ने संविदा कर्मी की नियुक्ति तो उपकेंद्र पर दर्शा रखी, लेकिन वह मेम साहब की कार चला रहा है। यह संविदा कर्मी साहब के बच्चे स्कूल छोड़ने व वापस लाने में लगे हैं। ऐसे लोगों को साहब खुद वेतन देने के बजाय विभाग से दिला रहे हैं।

काम करने वालों को निकालादेवेंद्र ने वार्ता के दौरान अध्यक्ष को यह भी बताया कि संविदा कर्मियों को छंटनी करने के आदेश आए तो इन्हीं जिम्मेदारों ने सबसे पहले जो उपकेंद्र पर काम कर रहे थे उनको निकाल दिया। इससे उपकेंद्रों पर काम करने वाले कर्मियों की तादाद कम हो गई है। देवेंद्र ने बताया कि अध्यक्ष के द्वारा 15 दिन में संविदा कर्मियो की समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिए जाने पर आठ सितंबर के आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है।

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