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लखनऊ में एक साल पहले बकाया गृहकर था जीरो, अब बिल आया 1.18 लाख

लखनऊ में एक साल पहले बकाया गृहकर था जीरो, अब बिल आया 1.18 लाख

लखनऊ में नगर निगम की ओर से उसका प्रमाण पत्र भी दिया गया था, लेकिन इस साल 1.18 लाख रुपये बकाया गृहकर का बिल नगर निगम ने भेजा है।

लखनऊ के निशातगंज की रहने वाले ऊषा गुप्ता की बिल्डिंग का गृहकर बीते साल तक पूरा जमा था। नगर निगम की ओर से उसका प्रमाण पत्र भी दिया गया था, लेकिन इस साल 1.18 लाख रुपये बकाया गृहकर का बिल नगर निगम ने भेजा है।
इससे वह परेशान हैं। शुक्रवार को नगर निगम के संपूर्ण समाधान दिवस में बेटे मनोज के साथ पहुंचीं करीब 75 वर्षीय ऊषा ने अपनी परेशानी महापौर और नगर आयुक्त को बताई तो वह भी हैरान हो गए। मामले की जांच को लेकर उन्होंने जोनल अफसर को निर्देश दिए। सुबह दस से दोपहर एक बजे तक आयोजित हुए दिवस में कुल 68 मामले आए।

ऊषा ने बताया कि जिस बिल्डिंग का टैक्स अब एक लाख से अधिक आया है, पहले उसका टैक्स 23,940 रुपये सालाना आता था। इतना अधिक टैक्स वह कहां से जमा करेंगे, क्योंकि जिस बिल्डिंग का यह टैक्स है, उसमें 50 साल से किरायेदार काबिज हैं और वह 500- 600 रुपये महीना किराया देते हैं।
पति बीमार रहते हैं। चलने-फिरने में परेशानी होती है। अभी तक वह किसी तरह गृहकर जमा कर देती थीं, मगर इतना अधिक टैक्स देना मुश्किल है। यह भी बताया कि एक साल पहले नगर निगम से उन्होंने नोड्यूज प्रमाण पत्र लिया था, जिसमें नगर निगम ने लिखकर दिया था कि कोई टैक्स बकाया नहीं है। अब इतना अधिक टैक्स कैसे आया, इसकी जांच और ठीक कराने की मांग महापौर और नगर आयुक्त से की गई है।

इस जोन के आए इतने मामलेजोन एक की 18, जोन दो की तीन, जोन तीन की छह, जोन चार की दो, जोन पांच की तीन, जोन छह की 14, जोन सात की पांच, जोन आठ की पांच शिकायतें गृहकर से जुड़ी आईं। इसके अलावा जलकल से जुड़ी 11, पशु चिकित्सा विभाग से जुड़ी एक शिकायत आई।

जीआईएस में बढ़े गृहकर से इनको मिली राहत
अलीगंज निवासी शिव कुमार शुक्ला के मकान का वार्षिक गृहकर मूल्यांकन में 7,257 रुपये हो गया था, जो आपत्ति के बाद 3,780 रुपये हो गया।

गोमतीनगर विकल्प खंड-दो निवासी उमाकांत तिवारी के मकान का वार्षिक गृहकर मूल्यांकन 24,570 हो गया था, जो जांच के बाद 19,688 रुपये हो गया।

गीतापल्ली के सैनिकनगर निवासी शिवशंकर के घर का वार्षिक गृहकर मूल्यांकन 24,750 हो गया था, जो जांच के बाद 13,500 रुपये हुआ।

दौलतगंज निवासी सुमन कश्यप के मकान का वार्षिक गृहकर मूल्यांकन 11,520 रुपये हो गया था, जो जांच के बाद 5,400 रुपये हो गया।

वृंदावन काॅलोनी निवासी दिनकर वर्मा के मकान का वार्षिक गृहकर मूल्यांकन 17,298 हो गया था, जो अब 10379 हो गया।

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