Breaking Newsभारत

लखनऊ विश्वविद्यालय अरिंदम को चांसलर, आरजू को चक्रवर्ती पदक

लखनऊ विश्वविद्यालय अरिंदम को चांसलर, आरजू को चक्रवर्ती पदक

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय का प्रतिष्ठित चांसलर पदक इस वर्ष प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के अरिंदम चतुर्वेदी और चक्रवर्ती मेडल विधि संकाय की छात्रा आरजू नायब को दिया जाएगा। कुलपति पदक नेशनल पीजी कॉलेज की छात्रा अवंतिका राय के हिस्से आया है। परीक्षा विभाग ने साक्षात्कार के बाद बुधवार को तीन पदक विजेताओं के नाम जारी किए।

लखनऊ विश्वविद्यालय का 68वां दीक्षांत समारोह 10 सितंबर को होगा। चांसलर मेडल विश्वविद्यालय का सर्वश्रेष्ठ पदक है, जो पढ़ाई के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे रहने वाले विद्यार्थी को दिया जाता है। पहले कुलपति जीएन चक्रवर्ती के नाम पर दिया जाने वाला चक्रवर्ती पदक विवि का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित मेडल है। यह सामाजिक गतिविधियों के आधार पर विद्यार्थी को दिया जाता है। इसी तरह कुलपति पदक सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट को मिलता है।

मेधावी देख रहे कुछ बड़ा करने के ख्वाबपढ़ाना है भारत का गौरवशाली इतिहास : अरिंदम चतुर्वेदीचांसलर मेडल पाने वाले अरिंदम चतुर्वेदी ने लविवि से प्राचीन भारतीय इतिहास में चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई की है। कविता लेखन में रुचि रखने वाले अरिंदम प्रोफेसर बनकर भारत का गौरवशाली इतिहास पढ़ाना चाहते हैं। उनकी मां प्रतीक्षा चतुर्वेदी कानपुर रोड, सीएमएस में हिंदी की शिक्षिका और पिता विजय चतुर्वेदी फार्मा कारोबारी हैं। अरिंदम माता-पिता को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते हैं। प्राचीन भारतीय मुद्राओं और भीमबेटका प्रस्तर कलाओं पर अरिंदम के आठ शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

वंचितों को न्याय दिलाना लक्ष्य : आरजू नायबचक्रवर्ती पदक पाने वाली आरजू नायब ने लविवि से पंचवर्षीय एलएलबी की शिक्षा ली है। उन्हें न्यायिक सेवा में जाना है। आरजू का कहना है कि वंचितों को न्याय दिलाना लक्ष्य है। उनकी मां डॉ. जरीना सईद करामत गर्ल्स कॉलेज में हिंदी की वरिष्ठ शिक्षिका व विभागाध्यक्ष और पिता एजाजुद्दीन अहमद अधिवक्ता हैं। आरजू को विभिन्न देशों का कानून पढ़ने में दिलचस्पी है। इसके साथ ही वह नियमित तौर पर झोपड़पट्टी में रहने वाले बच्चों को पढ़ाती हैं। उन्होंने माता-पिता को अपनी प्रेरणा बताया।

सेना में अफसर बन करनी है देश की सेवा : अवंतिका रायकुलपति पदक पाने वाली अवंतिका राय नेशनल पीजी कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर रही हैं। उन्हें भारतीय सेना में जाना है और अफसर बनकर देश की सेवा करनी है। अवंतिका को कैलीग्राफी और स्वीमिंग पसंद है। उनके पिता कृष्ण कुमार राय कारोबारी और मां किरण राय गृहिणी हैं। अवंतिका बताती हैं कि जब पहली बार एनडीए में महिलाओं की भर्ती शुरू हुई, तब पिता ने उन्हें इसमें जाने के लिए प्रेरित किया। हालांकि, उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई। अब वह सीडीएस के लिए प्रयासरत हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button