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लखनऊ : लविवि में पहली बार बीएससी एग्रीकल्चर की होगी पढ़ाई, स्नातक में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू

लखनऊ _लविवि में पहली बार बीएससी एग्रीकल्चर की होगी पढ़ाई, स्नातक में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू

लखनऊ विश्वविद्यालय में पहली बार बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई होगी। यहां चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। इस वर्ष 120 सीटों पर दाखिले होंगे। इसके लिए सालाना फीस एक लाख आठ हजार रुपये होगी।

राजधानी लखनऊ स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय में सत्र 2025-26 से पहली बार बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू होगी। इसमें प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभ्यर्थी लविवि की वेबसाइट पर चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। कोर्स में दाखिले के लिए सीटों की संख्या 120 तय की गई है।

कृषि संकाय की अध्यक्ष प्रो. गौरी सक्सेना बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से तय मानकों और दिशा निर्देशों पर विवि में पहली बार कृषि संकाय की स्थापना की गई है। इसी क्रम में यहां चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम बीएससी एग्रीकल्चर शुरू हो रहा है। जब तक संकाय संचालन के लिए विधिवत जमीन की व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक मुख्य परिसर में पाठ्यक्रम की कक्षाएं चलेंगी।

पाठ्यक्रम को आईसीएआर से अनुमोदित छह डीन की कमेटी के सुझावों पर डिजाइन किया गया है। वर्तमान में लविवि से संबद्ध जिलों में 23 कृषि महाविद्यालय संचालित हैं। इसमें 16 कॉलेजों में स्नातक और परास्नातक दोनों की पढ़ाई होती है, जबकि सात महाविद्यालयों में सिर्फ स्नातक कोर्स संचालित है।

सरोजनीनगर में बनेगा परिसर

लविवि का तीसरा परिसर कृषि संकाय के रूप में सरोजनीनगर के पिपरसंड इलाके में बनना प्रस्तावित है। इसके लिए सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। हालांकि, यह अभी पूरी तरह से विश्वविद्यालय के कब्जे में नहीं है। स्वामित्व मिलते ही इसमें निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। प्रो. गौरी सक्सेना ने बताया कि लविवि में शुरू किए जा रहे बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स का शुल्क 54005 रुपये प्रति सेमेस्टर होगा, जो कि एक वर्ष में एक लाख आठ हजार 10 रुपये होगा। यह पाठ्यक्रम चार वर्ष का होगा।

संकाय में होगी आठ विभागों की स्थापना

प्रो. गौरी के मुताबिक, कृषि संकाय के अंतर्गत आठ विभागों की स्थापना की जानी है। इसमें कृषि विज्ञान विभाग, आनुवंशिकी और पौध प्रजनन विभाग, बागवानी एवं सब्जी विज्ञान विभाग, मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग, फसल शरीर क्रिया विज्ञान एवं जैव रसायन विभाग, पादप रोग विज्ञान एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग, कीट विज्ञान एवं बीज प्रौद्योगिकी विभाग व कृषि अर्थशास्त्र एवं विस्तार विभाग शामिल हैं।

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