लखनऊ : लखनऊ तीन गुना तक बढ़ गया था गृहकर, संपूर्ण समाधान दिवस में मिली राहत

लखनऊ तीन गुना तक बढ़ गया था गृहकर, संपूर्ण समाधान दिवस में मिली राहत
लखनऊ। गलत जीआईएस सर्वे के कारण लोगों का गृहकर तीन गुना तक बढ़ गया है। शुक्रवार को नगर निगम में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में ऐसी करीब 82 शिकायतें आईं। जांच के बाद नगर निगम ने उनका निस्तारण किया।वहीं, महापौर और नगर आयुक्त शहर से बाहर होने के कारण दिवस में मौजूद नहीं रहे। ऐसे में कुछ जोनल अफसर और कर्मचारी मनमर्जी भी करते दिख और निस्तारण के बजाय शिकायतों को टालते दिखे। इस पर अपर नगर आयुक्त अरुण गुप्ता, नम्रता सिंह और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने सख्ती दिखाई और दिवस में ही निस्तारण कराया।
इतनी समस्याएं आईंसुबह 10 से दोपहर एक बजे तक चले दिवस में गृहकर के अलावा पेयजल व सीवर की 24 शिकायतें, सफाई, अतिक्रमण और मार्ग प्रकाश से संबंधित 10 शिकायतें आईं।एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आए बुजुर्ग दंपतीशिविर में अलीगंज के बुजुर्ग दंपती राजेंद्र और रेखा वर्मा एक-दूसरे का हाथ पकड़कर पहुंचे। रेखा देख नहीं सकती थीं और राजेंद्र पैरालाइज होने के कारण ठीक से चल नहीं सकते थे। यह अच्छी बात रही कि समाधान दिवस में उनकी गृहकर की समस्या का समाधान हो गया। दंपती ने बताया कि उनका गृहकर पहले से 3,000 रुपये सालाना आता था, लेकिन इस बार तीन गुना बढ़कर 9,000 रुपये आया। उसे ठीक कराने के लिए जोनल ऑफिस गए, मगर सही नहीं हुआ। अब संपूर्ण समाधान दिवस में आए तो गृहकर ठीक कर फिर से तीन हजार कर दिया गया।
235 से 11,000 रुपये पहुंच गया था बिलसआदतगंज इलाके में दाल मंडी के पास रहने वाली बुजुर्ग सत्यभामा बेटियों के साथ शिविर में आई थीं। उन्होंने बताया कि उनका मकान बहुत छोटा है, जिसका गृहकर 235 रुपये सालाना आता था, मगर इस बार बकाया मिलाकर 11,000 रुपये का बिल भेज दिया गया। इतना पैसा कहां से जमा करेंगे। जांच हुई तो उसके बाद उनका गृहकर 1,171 रुपये हो गया।
यह भी रहे गृहकर से परेशान- ठाकुरगंज की नैपियर रोड पार्ट टू कॉलोनी से आए अजय रस्तोगी ने बताया कि उनका घर करीब 700 वर्ग फुट का है, जिसका टैक्स पहले 540 रुपये सालाना आता था, मगर इस बार इसे 1,600 रुपये कर दिया गया।
आपत्ति की तो ठीक कर 990 रुपये कर दिया, मगर करीब तीन हजार रुपये बकाया भी चढ़ा दिया, जबकि सिर्फ एक साल का ही टैक्स बकाया है।- अवध विहार योजना के मंदाकिनी एन्क्लेव में रहने वाले रमेश अग्रवाल ने बताया कि एन्क्लेव में सभी के फ्लैट एक सामान हैं, उसके बाद भी उनका गृहकर अधिक बनाया गया।