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लखनऊ में 28 को छठ पर सार्वजनिक अवकाश, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर सब बंद रहेंगे, योगी सरकार का ऐलान

लखनऊ में 28 को छठ पर सार्वजनिक अवकाश, स्कूल-कॉलेज, दफ्तर सब बंद रहेंगे, योगी सरकार का ऐलान

लखनऊ जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से की गई घोषणा, लखनऊ में धूमधाम से मनाया जाता है पर्व.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही छठ पर्व के मौके पर 28 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, अब लखनऊ जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से भी लखनऊ में छठ पर्व पर आधिकारिक अवकाश की घोषणा कर दी गई है. इससे संबंधित आदेश जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी कर दिया गया है. अब राजधानी में भी मंगलवार यानी 28 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश रहेगा. अवकाश के दौरान लखनऊ के सभी सरकारी, अर्ध सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे.योगी सरकार पहले ही कर चुकी घोषणा:पूरे देश में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. तीन दिन तक यह पर्व रहता है. 28 अक्टूबर को मुख्य पर्व होने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी. अब लखनऊ के जिलाधिकारी विशाख जी. अय्यर की तरफ से भी लखनऊ में इस दिन छुट्टी का आदेश दे दिया गया है. इस दिन छठ पर महिलाएं उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा अर्चना करती हैं. प्रशासन की तरफ से सभी शैक्षणिक संस्थानों, दफ्तरों और सरकारी कार्यालयों को अवकाश का पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

लखनऊ में धूमधाम से मनाया जाता है पर्व:लखनऊ में बड़े ही धूमधाम से छठ पर्व का यह त्यौहार मनाया जाता है. छठी मैया की पूजा अर्चना के लिए हजारों की संख्या में घाटों पर भीड़ उमड़ती है. पिछले काफी दिनों से लखनऊ नगर निगम और जिला प्रशासन गोमती तट समेत कई प्रमुख स्थानों पर छठ घाटों का निर्माण और साफ सफाई कर रहा है. इस पर्व के दौरान झूलेलाल, गोमती घाट, गिलौला झील, कठौता झील और वॉटर फ्रंट जैसे स्थानों पर श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचते हैं.

घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की जा रहीं:नगर निगम की तरफ से सभी घाटों पर विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं जिससे किसी भी श्रद्धालु को कोई दिक्कत न होने पाए. सुरक्षा का भी काफी ख्याल रखा जा रहा है. पुलिस बल की तैनाती की जा रही है. छठ पर्व भगवान सूर्य की प्रार्थना का पर्व है. झारखंड, बिहार और पूर्वांचल से जुड़े लोग इस पर्व को विशेष तौर पर श्रद्धा के साथ मनाते हैं. लखनऊ में भी बड़ी संख्या में इस पर्व को मानने वाले लोग रहते हैं. लखनऊ में भी इस पर्व की अनुपम छटा देखने को मिलती है. 36 घंटे महिलाएं निर्जला व्रत रखकर डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. यह व्रत बेहद कठिन होता है. पर्व को मानने वाले पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ इसे मनाते हैं.डीएम को दिए गए हैं ये अधिकार:यही कारण है कि सरकार भी व्रती महिलाओं के साथ ही उन परिवारों का ख्याल रखते हुए इस दिन अवकाश घोषित करती है. संबंधित जिलों के जिलाधिकारी को भी यह अधिकार दिया गया है कि उन्हें लगे तो वह अपने जिले में इस पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा कर सकते हैं. जिला स्तर पर इस अवकाश की घोषणा जिलाधिकारी की तरफ से की जाती है.

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