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लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय में पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें दिव्यांग बहनों के दुखों का अंत हो गया। उनकी फैमिली पेंशन मंजूर हो गई।

लखनऊ में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय में पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें दिव्यांग बहनों के दुखों का अंत हो गया। उनकी फैमिली पेंशन मंजूर हो गई।

राजधानी लखनऊ में गोखले मार्ग स्थित मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय में शनिवार को पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें साढ़े तीन साल से दौड़-भाग कर रहीं दिव्यांग बहनों के संकट का अंत हो गया। निदेशक कार्मिक विकास चंद अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान ही कुमारी फिजा आरा के गुजारा के लिए फैमिली पेंशन की मंजूरी देते हुए को कोषाधिकारी को आदेश भेजने का निर्देश दिया।

फिजा आरा के पिता शमी लखनऊ से ही सेवानिवृत्त हुए थे। उनके निधन के बाद पेंशन बंद हो गई थी। दिव्यांग बच्चों के लिए पेंशन के प्रावधान का विकल्प होने पर उनको यह सुविधा हासिल हो सकी। इसी प्रकार लखनऊ से ही सेवानिवृत्त हुए निर्मल तनेजा की बेटी ने जीवन गुजारा के लिए फैमिली पेंशन की मांग उठाई थी। दरअसल, निर्मल तनेजा की बेटी तलाकशुदा होने के कारण फैमिली पेंशन का दावा करके शनिवार को पेंशन अदालत में गुहार लगाई थी। किरन जुनेजा की भी आगामी सोमवार को स्वीकृत हो जाएगी।

हरदोई के पीड़ितों ने सुनाई व्यथा

पेंशन अदालत में हरदोई से दो पीड़ित आए और पेंशन अदालत में खंड दो के अधिशासी अभियंताओं की लापरवाहीं और अपनी व्यथा को सुनाया। इनमें लाइनमैन मदनलाल ने कहा कि वर्षं 2020 में सेवानिवृत्त हुए और वर्ष 2022 में पेंशन भी मंजूर हो गई, मगर अब तक मिल नहीं सकी। मदनलाल ने कहा कि अधिशासी अभियंता से फरियाद करके जब थक गए और सुनवाई नहीं हुई तो लखनऊ आए।

इसी प्रकार हरदोई के पचकोहरा निवासी प्रदीप कुमार अदालत को बताया कि उसके दिवंगत पिता को नकदीकरण और ग्रेच्युटी का अब तक भुगतान नहीं किया गया है। यह समस्या भी खंड दो की थी। निदेशक ने दोनों पीड़ितों की 15 दिन में समस्या दूर करने का आश्वासन दिया।

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