लखनऊ मुख्य सचिव ने परियोजनाओं की समीक्षा की: बोले-निवेश की अड़चनें करें दूर, नियमों की अनावश्यक व्याख्या से बचें डीएम

लखनऊ मुख्य सचिव ने परियोजनाओं की समीक्षा की: बोले-निवेश की अड़चनें करें दूर, नियमों की अनावश्यक व्याख्या से बचें डीएम
मुख्य सचिव ने निवेश की लंबित परियोजनाओं की समीक्षा की। कहा कि सभी लोग निवेश की अड़चनें दूर करें। साथ ही जिलाधिकारियों को नियमों की अनावश्यक व्याख्या से बचने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास तेज करने और निवेश प्रक्रिया सरल बनाने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निवेश परियोजनाओं की निगरानी के लिए इन्वेस्ट यूपी को विशेष टीम गठित करने के निर्देश दिए। ये टीम निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर चुनौतियों की पहचान करेगी। उन्होंने जिलाधिकारियों और विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए कि नियमों की अनावश्यक व्याख्या से बचें और सक्रियता से समाधान निकालें।
बृहस्पतिवार देर शाम स्टीयरिंग कमेटी की बैठक का उद्देश्य निवेश परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देना और अड़चनों को दूर कर प्रदेश को दस खरब डालर अर्थव्यवस्था में बदलने के विजन को साकार करना था। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को लंबित परियोजनाएं तय समयसीमा में निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि प्रस्तावित निवेश जल्द से जल्द धरातल पर लाने के लिए प्रक्रिया में हो रही देरी को खत्म किया जाना चाहिए।
प्रोत्साहन योजनाओं को प्रभावी बनाने के दिए निर्देश
उन्होंने निर्देश दिए कि उद्योग संगठनों और संबंधित हितधारकों से संवाद कर प्रोत्साहन योजनाओं को प्रभावी बनाएं। बैठक में शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, लॉजिस्टिक्स और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रक्रियागत बाधाओं के चलते लंबित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। बैठक में इन्वेस्ट यूपी, पर्यटन, एमएसएमई, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, उद्यान, डेयरी, पशुपालन, शिक्षा, गन्ना विकास, यूपीसीडा, यूपीईडा और अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।