Breaking Newsभारत

लखनऊ बिना कारण बताए गिरफ्तारी पर विवेचक की अर्जी खारिज

लखनऊ बिना कारण बताए गिरफ्तारी पर विवेचक की अर्जी खारिज

लखनऊ। दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट के मामले में बिना कारण बताए आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेजने पर एससी-एसटी एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने विवेचक की अर्जी खारिज कर दी। वहीं, आरोपी सचिन सिंह को 50 हजार का मुचलका देने पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है।कोर्ट ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर सुशांत गोल्फ सिटी के विवेचक और उसे जेल भेजने वाले रिमांड मजिस्ट्रेट पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा की आरोपी सचिन सिंह को गिरफ्तार करने वाले दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह ने केस डायरी में गिरफ्तारी के कारण का कहीं उल्लेख नहीं किया। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि गिरफ्तारी की शक्ति होना एक अलग बात है और गिरफ्तार करने का आधार होना अलग बात है। भारत में लगभग साठ प्रतिशत गिरफ्तारियां बिना किसी आधार के की जाती हैं।

कोर्ट ने कहा की जघन्य अपराध में किसी आरोपी को गिरफ्तार करते समय उसका कारण लिखना आवश्यक होता है। इस मामले में विवेचक या गिरफ्तार करने वाले ने यह कहीं नहीं लिखा कि आरोपी सचिन की गिरफ्तारी क्यों आवश्यक है। इसके साथ ही कोर्ट ने विवेचक की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने आरोपी को 14 दिन के लिए रिमांड पर जेल में रखने की मांग की थी।

कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति पुलिस कमिश्नर को भेजने का आदेश देते हुए कहा कि दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के संबंध में कानून के उल्लंघन की जानकारी उनको दी जाए। कोर्ट ने इसी आदेश में कहा कि यहां यह भी दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि चार सितंबर को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था। उसी दिन आरोपी के वकील ने रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने यह तर्क रखा था कि आरोपी को बिना गिरफ्तारी का आधार बताए पकड़ा गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button