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लखनऊ जंगल में रह रहे लोगों को बाहर बसाएगी यूपी सरकार

लखनऊ जंगल में रह रहे लोगों को बाहर बसाएगी यूपी सरकार

पहले चरण में दुधवा टाइगर रिजर्व के कतर्निघाट क्षेत्र में 118 लोग चिह्नित कर लिए गए हैं। उन्हें केंद्र के प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) से मुआवजा दिया जाएगा।

प्रदेश सरकार जंगल में बसे लोगों को पुनर्वासित यानी बाहर शिफ्ट करेगी। पहले चरण में दुधवा टाइगर रिजर्व के कतर्नियाघाट क्षेत्र में 118 लोग चिह्नित कर लिए गए हैं। उन्हें केंद्र के प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) से मुआवजा दिया जाएगा।

हाल ही में दुधवा और कतर्नियाघाट में आए केंद्रीय पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस पर सहमति बन गई है। दरअसल यह बैठक प्रदेश में बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के उपायों पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। स्थिति यह है कि यूपी में वर्ष 2024-25 में मानव-वन्यजीव संघर्ष में 60 लोग मारे गए थे, जबकि 220 लोग घायल हुए थे। ये घटनाएं कर्तनियाघाट, साउथ खीरी, बहराइच, नॉर्थ खीरी और बिजनौर के इलाकों में हुई।घटना वाले जिलों से संबंधित सांसदों ने मामला संसद में भी उठाया। उसके बाद 19 व 20 जून को केंद्रीय वन मंत्री ने दुधवा और कर्तनियाघाट में आकर सांसदों और वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए कतर्नियाघाट आरक्षित वन क्षेत्र में रह रहे लोगों को विस्थापित करने पर सहमति बन गई है।

शीघ्र ही कैंपा से 22 करोड़ रुपये मुआवजे के मद में दिए जाएंगे। योजना सफल होने पर अन्य वन क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जाएगा। मुआवजे का भुगतान एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की गाइडलाइंस के अनुसार होगा। यहां बता दें कि इससे पहले 1977 में दुधवा वन क्षेत्र से 37 गांव विस्थापित किए गए थे। उसके बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में काफी कमी आई थी।

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