लखनऊ फाइलों में धरी रह गई हेरिटेज जोन को अतिक्रमण मुक्त बनाने की योजना, पार्किंग बन सकी… न हटी अवैध दुकानें

लखनऊ फाइलों में धरी रह गई हेरिटेज जोन को अतिक्रमण मुक्त बनाने की योजना, पार्किंग बन सकी… न हटी अवैध दुकानें
लखनऊ में हेरिटेज जोन को अतिक्रमण मुक्त बनाने की योजना फाइलों में धरी रह गई। यहां ना तो पार्किंग की व्यवस्था हो सकी और ना ही अवैध दुकानें हटीं। रात 8 बजे के बाद महज 500 मीटर दूरी तय करने में 30 मिनट तक का समय लग जाता है।
राजधानी लखनऊ में हेरिटेज जोन को अतिक्रमण मुक्त बनाने की योजना अभी भी प्रशासन की फाइलों में ही बंद है। बीते पांच महीनों में हेरिटेज जोन का कई बार सर्वे भी हो चुका है।
अधिकारियों ने खुद अलग-अलग क्षेत्रों के निरीक्षण किए। लेकिन अब तक हेरिटेज जोन को अतिक्रमण से पहले की तरह ही जूझ रहा है। यह स्थिति तब है जब राजधानी को देश की पटल पर पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की योजना है।
नवाबों की संस्कृति, सभ्यता व उनकी धरोहरों को देखने के लिए राजधानी में देश- विदेश से पर्यटक आते हैं। लेकिन यातायात और अतिक्रमण का जाल पर्यटकों के लिए सिरदर्द बन जाता है। जैसे ही हेरिटेज जोन में पहुंचते हैं उन्हें सबसे पहले अतिक्रमण और वाहन पार्किंग से दो-चार होना पड़ता है। किसी तरह इमामबाड़ा तक पहुंचते भी हैं तो यहां की अव्यवस्था देखकर ही घूमने और दोबारा आने की इच्छा ही खत्म हो जाती है।
केस-1; रूमी गेट के पास ही बना दी पार्किंग
रूमी गेट राजधानी की पहचान का खास हिस्सा है। इसे सुंदर बनाने के लिए इसके कुछ हिस्सों की मरम्मत भी हुई। लेकिन रूमी दरवाजा के पास ही अवैध पार्किंग बना दी गई है। अवैध पार्किंग व अतिक्रमण के कारण इसकी सुंदरता फीकी पड़ गई है। रामविलास दिल्ली से बुधवार को अपने परिवार के साथ इमामबाड़ा घूमने पहुंचे लेकिन, यहां की व्यवस्थाओं ने उन्हें मायूस कर दिया।केस- 2; रात होते ही सड़क पर हो जाता है अतिक्रमण
रात आठ बजे के बाद रूमी गेट से छोटा इमामबाड़ा तक जाने में पर्यटकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। अवैध दुकानें और पार्किंग से आना जाना मुश्किल हो जाता है। 500 मीटर के सफर में ही करीब आधे घंटे लग जाते हैं। यह स्थिति रात 11 बजे तक बनी रहती है।
				


