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लखनऊ नीट 2025: यूपी में एमबीबीएस की 11850 सीटों पर होगा दाखिला , अनंत और मुक्तेश तन्मय ने बढ़ाया शहर का मान

लखनऊ नीट 2025: यूपी में एमबीबीएस की 11850 सीटों पर होगा दाखिला , अनंत और मुक्तेश तन्मय ने बढ़ाया शहर का मान

नीट यूजी में प्रदेश के 1.70 लाख से अधिक अभ्यार्थी सफल हुए हैं। लखनऊ के मुक्तेश तन्मय ऑल इंडिया 36वीं रैंक हासिल कर यूपी में पहले पायदान में रहे।

नीट यूजी में प्रदेश के 1.70 लाख से अधिक अभ्यार्थी सफल हुए हैं, जबकि यहां सरकारी और निजी क्षेत्र की एमबीबीएस की 11850 सीटें हैं। कुछ छात्र राष्ट्रीय संस्थानों में दाखिला लेंगे तो कुछ दूसरे राज्यों से भी उत्तर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में पहुंचेंगे।

प्रदेश में केजीएमयू, लोहिया संस्थान सहित सरकारी क्षेत्र के 44 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 5250 सीटें हैं। इसी तरह निजी क्षेत्र के 36 कॉलेजों में 6600 सीटें हैं। इसी तरह केजीएमयू में डेंटल की 70 सीटें हैं, जबकि निजी क्षेत्र के 22 कॉलेजों में 2150 सीटें हैं। हालांकि अंतिम समय में कुल कॉलेजों से सीटें बढ़ अथवा घट भी सकती हैं। क्योंकि अभी राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की ओर से कॉलेजों की सीटों को अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। एमबीबीएस और बीडीएस की काउंसिलिंग के बाद लो मेटिट वाले छात्रों को आयुष कॉलेजों में दाखिला मिलेगा। आयुष कॉलेजों में सरकारी और निजी क्षेत्र की कुल करीब 7500 सीटें हैं। इन सीटों को भी मान्यता देने की कवायद अभी चल रही है। काउंसिलिंग शुरू होने तक करीब 500 सीटें बढ़ने की उम्मीद है।

लखनऊ के मुक्तेश यूपी टॉपर, अनंत सेकेंड टॉपरनीट यूजी 2025 में लखनऊ के मुक्तेश तन्मय ऑल इंडिया 36वीं रैंक हासिल कर यूपी में पहले पायदान में रहे। उन्होंने 720 में से 661 अंक हासिल किए और जनरल वर्ग में 28वेंं स्थान पर जगह बनाई। हालांकि, नोएडा के हर्ष केदावत ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल कर मुक्तेश से आगे रहे, लेकिन उनका चयन दिल्ली (एनसीटी) राज्य के तहत है। इसलिए मुक्तेश को उत्तर प्रदेश का टॉपर माना जा रहा है। इसी तरह लखनऊ के ही अनंत चौरसिया ऑल इंडिया 44वीं रैंक का मुकाम हासिल कर प्रदेश में सेकेंड टॉपर रहे। वहीं, अयोध्या के परसपुरसथरा निवासी अनूप तिवारी ने देश भर में 59वां स्थान पाया। अनूप ने अपनी सफलता का श्रेय मेहनत और अनुशासन के साथ परिजनों और शिक्षकों को दिया है।

मुक्तेश तन्मय ने कहा कि मैंने लक्ष्य साधकर पढ़ाई की। पढ़ाई के घंटे तय नहीं किए और जो अच्छा लगा वह पढ़ा। जब पढ़ने बैठा तो चैप्टर खत्म करके ही उठा। मुझे और अच्छी रैंक आने की उम्मीद थी, पर परीक्षा काफी कठिन थी। एम्स दिल्ली से एमबीबीएस की पढ़ाई करने की इच्छा है। अभी विशेषज्ञता के लिए कुछ तय नहीं किया है। मेरे पिता संजय कुमार फतेहपुर के केंद्रीय विद्यालय में प्रधानाचार्य और मां निर्मला गृहिणी हैं। नीट की तैयारी कर रहे युवाओं से कहूंगा कि समय का प्रबंधन कर पढ़ाई करें। इस बार की परीक्षा में यह ज्यादा व्यावहारिक दिखा। ऐसे सवाल पूछे गए, जिनमें ज्यादा समय लगा। ऐसे में प्रश्नपत्रों के अभ्यास पर अधिक ध्यान दें। सिलेबस को देखकर घबराए नहीं। सिलेबस को समय से पहले खत्म करें, ताकि तैयारी का ज्यादा मौका मिले। यह कतई नहीं कहूंगा कि इंटरनेट या समाज से कट जाएं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए करें।सेल्फ स्टडी, मॉक टेस्ट ने दिलाई सफलताः अनंत परीक्षा की तैयारी के दौरान सेल्फ स्टडी करने के साथ खूब मॉक टेस्ट दिए।

इसने नीट में सफलता दिलाने में योगदान दिया। इसके अलावा कोचिंग में जो पढ़ाया जाता था, उसका घर पर रिवीजन जरूर करता था। रोजाना औसतन 10 घंटे पढ़ाई की। मेरे पिता बृजेश कुमार बैंक मैनेजर थे। वर्ष 2020 में उनका निधन हो गया। मां प्रमिला कुमारी बैंक में क्लर्क हैं। प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान से एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहता हूं। बेहतर डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करूंगा।

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