लखनऊ निशुल्क इलाज के बाद घायल को घर तक पहुंचाने गए केजीएमयू कर्मी

लखनऊ निशुल्क इलाज के बाद घायल को घर तक पहुंचाने गए केजीएमयू कर्मी
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के चिकित्साकर्मियों ने एक बार फिर से सेवा और मानवता की मिसाल पेश की है। संस्थान में लावारिस अवस्था में लाए गए घायल के निशुल्क इलाज के बाद शुक्रवार को उसे सकुशल उसके घर तक पहुंचाया गया।केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बीके ओझा ने बताया कि 30 अगस्त को रेल दुर्घटना में घायल हुए करीब 45 वर्षीय युवक को बेहद गंभीर अवस्था में ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया गया था। ट्रॉमा सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र कुमार के अधीन घायल को भर्ती किया गया। हालत खराब होने की वजह से उसके दोनों हाथ-पैर काटने पड़े। होश आने पर घायल ने अपना नाम राजेंद्र बताया। घर का स्पष्ट पता नहीं बता पाने के बावजूद उसने यह जानकारी दी कि वह कानपुर का रहने वाला है। पुलिस के माध्यम से संपर्क करने पर पता चला कि वह कानपुर के थाना नजीराबाद के अशोक नगर क्षेत्र का रहने वाला है। न्यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर टेक्निकल ऑफिसर को राजेंद्र कुमार को कानपुर छोड़ने की जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले भी 50 से ज्यादा लावारिस मरीजों को उनके घर तक छोड़ने जा चुके हैं। अतुल उपाध्याय ने दो अन्य कर्मियों रूप सिंह और सुनील की सहायता से घायल को उनके बहनोई रामू के घर तक सकुशल पहुंचा दिया है।



