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ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने पत्रकारों के हितों को लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने पत्रकारों के हितों को लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर प्रदेश के सभी जनपदों में सौपा गया ज्ञापन

गोरखपुर उत्तर प्रदेश के हर जिलो मे एक साथ मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया जिसमें ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं।

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के लिए राज्य मुख्यालय लखनऊ में दारुल सफा या ओसीआर में कार्यालय हेतु भवन का आवंटन।
मान्यता प्राप्त ग्रामीण पत्रकारों और उनके परिवार को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिले।ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर से बीमा योजना में शामिल किया जाए और 60 वर्ष से अधिक उम्र के अनुभवी पत्रकारों को पेंशन का लाभ दिया जाए।किसी भी पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज करने से पूर्व जिला पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य जांच हो।राज्य, जिला और तहसील स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें हों, जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हों। प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को ₹5,00,000 की सहायता और मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹20,00,000 की आर्थिक मदद मिले।अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का कहना है कि वे सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उठाते हैं और शासन की विकास योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाते हैं। वे ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन डॉ विपिन शाही ने जिला अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर उत्तर प्रदेशजिसमें ग्रामीण पत्रकारों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें रखी गई हैं।

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के लिए राज्य मुख्यालय लखनऊ में दारुल सफा या ओसीआर में कार्यालय हेतु भवन का आवंटन।
मान्यता प्राप्त ग्रामीण पत्रकारों और उनके परिवार को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिले।ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर से बीमा योजना में शामिल किया जाए और 60 वर्ष से अधिक उम्र के अनुभवी पत्रकारों को पेंशन का लाभ दिया जाए।

किसी भी पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज करने से पूर्व जिला पुलिस के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य जांच हो।राज्य, जिला और तहसील स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें हों, जिसमें एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हों। प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को ₹5,00,000 की सहायता और मुख्यमंत्री राहत कोष से ₹20,00,000 की आर्थिक मदद मिले।

अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन का कहना है कि वे सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उठाते हैं और शासन की विकास योजनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाते हैं। वे चाहते हैं कि उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेकर उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे निर्भीक होकर अपनी जिम्मेदारियां निभा सकें। वही गोरखपुर जनपद के जिलाध्यक्ष डॉक्टर विपिन शाही व प्रदेश सचिव जयप्रकाश गोविंद राव के नेतृत्व में किया गया जिसमें जनपद के हर तहसील के तहसील अध्यक्ष अपने पूरी कमेटी के साथ मौजूद रहे और पत्रकारों के हितों को लेकर एक जुट हो कर ज्ञापन सौंपा।

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