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लखनऊ नियुक्ति पत्र वितरण समारोह: सीएम योगी बोले- 20 साल से बीमार मानसिकता के लोगों ने यूपी को बीमारू राज्य बना दिया

लखनऊ नियुक्ति पत्र वितरण समारोह: सीएम योगी बोले- 20 साल से बीमार मानसिकता के लोगों ने यूपी को बीमारू राज्य बना दिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। इन सभी मुख्य सेविकाओं का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के द्वारा किया गया है।

लखनऊ के लोकभवन सभागार में नवचयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और प्रदेश के युवाओं के सपनों को मंच देना सरकार का काम होता है पर जब युवाओं से जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव किया जाता है तो क्षति सिर्फ युवाओं की ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का होता है। प्रदेश में 20 वर्षों से यही होता था जब नियुक्ति का मौका आता था तो बंदरबांट होती थी। प्रदेश बीमारू राज्य नहीं था बल्कि राज्य का नेतृत्व करने वाले बीमार मानसिकता के थे पर अब पूरी शुचिता के साथ नियुक्ति की जा रही है।
जब चयन प्रक्रिया पारदर्शी और शुचितापूर्ण होती है तो आजमगढ़, शामली और अलग-अलग जिलों की बेटियों का चयन किया जाता है। अभी हमने देखा कि थारू जनजाति की एक बेटियों को अवसर मिला जो कि दिखाता है कि चयन की प्रक्रिया शुचितापूर्ण है। अब जिले और जाति को देखकर नियुक्ति नहीं दी जाती है। मुख्यमंत्री योगी ने चयनित अभ्यर्थियों से कहा कि जब आप ईमानदारी से काम करेंगे और कठिन परिश्रम करेंगे तो सफलता जरूर मिलती है। ऐसे में अभ्यर्थियों की जिम्मेदारी है कि वो भी बिना किसी भेदभाव के काम करें और अपने कर्तव्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभाएं।

नकारात्मक मुद्दों पर राजनीति करता है विपक्षमुख्यमंत्री योगी ने इस मौके पर विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 20 साल से यूपी को बीमारू राज्य बना दिया था वो अब भी नकारात्मक मुद्दे उठा रहे हैं। हम जर्जर विद्यालयों को ठीक करने का और पेयरिंग करने का काम कर रहे हैं और जो बेहतर विद्यालय हैं वहां पेयरिंग के बाद बाल वाटिका का शुभारंभ कर रहे हैं। इन लोगों ने इसका भी विरोध किया है। अभी एक राज्य में जर्जर विद्यालय ढह जाने से बच्चों की मौत हो गई थी क्या उनका जीवन लाया जा सकता है। हमने आंगनबाड़ी भवन बनाने का भी काम कर रहे हैं। जब प्रदेश का बचपन अच्छा होगा तो जवानी भी अच्छी होगी।
मुख्य सेविकाओं का काम मां यशोदा की तरहमुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आंगनबाड़ी में मुख्य सेविकाओं की जिम्मेदारी मां यशोदा की तरह है। जिस तरह मां यशोदा ने बच्चों का पालन पोषण किया वैसे ही आपकी भी जिम्मेदारी है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की देखरेख करें। याद रखें कि जब भी भगवान श्रीकृष्ण का नाम आता है मां यशोदा का भी नाम आता है।
वित्त मंत्री बोले- लगातार कन्याओं के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे सीएम योगी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जिस दिन से सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली है तब से कन्याओं को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं। अब अत्याचारियों पर 100 दिन के अंदर कार्रवाई की जा रही है।वित्त मंत्री ने कहा कि कन्याओं के पोषण के साथ ही मार्गदर्शन की जिम्मेदारी भी मुख्य सेविकाओं की है। हमारे समाज में कन्याओं का पोषण ये कहकर किया जाता है कि उन्हें पराये घर जाना है पर मैं कहूंगा कि वो पराये घर जाएं तो स्वालंबी बनकर जाएं। आत्मनिर्भर बनकर जाएं। योगी सरकार ने कन्याओं की पढ़ाई से लेकर उनके विवाह तक के लिए मदद की है। बीते आठ साल में 4 लाख 77 हजार कन्याओं का विवाह प्रदेश सरकार के सहयोग से कराई जा चुकी है। वित्त मंत्री के संबोधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सेविकाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया।ये दिन प्रदेश की प्रगति का दिन हैइस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताते हुए प्रदेश सरकार की महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि ये दिन प्रदेश की प्रगति का दिन है। महिला आत्मशक्ति का दिन है। सहायिकाओं के मार्गदर्शन में आंगनबाड़ी की देखरेख होती है। प्रदेश में दो करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पोषण सामग्री दी जा रही है। 14,535 आंगबाड़ी का पुनरोद्धार किया गया। कन्या सुमंगला योजना के तहत अभी तक 26 लाख बालिकाओं को 600 करोड़ से ज्यादा का लाभ दिया गया। 37 लाख महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। राज्यमंत्री बोलीं- खुद को सिर्फ सरकारी सेवा तक ही सीमित न समझेंइस मौके पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि 20 साल बाद ये ऐतिहासिक पल आया है। जब 2425 मुख्य सेविकाओं के नियुक्ति पत्र वितरण में आप साझीदार बने हैं। ये बाल शक्ति और मातृ शक्ति का पत्र है। सरकारी कर्मचारी के साथ-साथ आप मां के रूप में सेविका भी हैं। अपने दायित्व को सरकारी सेवा तक ही सीमित न समझे।

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