लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी का चुनाव न होने से कई जरूरी काम रुक गए हैं। शहर की सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव तो रुका ही हुआ है साथ ही पार्किंग नियमावली और किराये की संपत्तियों की रिपोर्ट भी अटकी है।

लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी का चुनाव न होने से कई जरूरी काम रुक गए हैं। शहर की सड़कों की मरम्मत का प्रस्ताव तो रुका ही हुआ है साथ ही पार्किंग नियमावली और किराये की संपत्तियों की रिपोर्ट भी अटकी है।
नगर निगम सदन और कार्यकारिणी के चक्कर में नगर निगम के कई जरूरी काम फंस गए हैं। टूटी सड़कों के गड्ढे भरने के लिए पैचवर्क भी रुक गया है। पैचवर्क पर करीब 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके लिए कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास होना है, लेकिन कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव न होने से यह रुका है।
एक जून को 12 सदस्यीय कार्यकारिणी के छह सदस्य सेवानिवृत्त हुए थे, मगर इनकी जगह एक महीने से नए सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया है। कार्यकारिणी अधूरी होने से सामान्य सदन की बैठक भी नहीं बुलाई जा सकती। इसी वजह से करीब दो महीने पहले शासन से जारी नई पार्किंग नियमावली भी नगर निगम लागू नहीं कर पा रहा है। इसे लागू करने के लिए सदन से उसे पास कराना जरूरी है।
इसी तरह किराये पर उठी संपत्तियों के विवाद को दूर करने के लिए समिति की रिपोर्ट लागू होनी है, जिसमें संपत्तियों का नामांतरण मौजूदा कब्जेदार के नाम किया जाना है। इसके लिए समिति अलग-अलग शुल्क भी तय कर चुकी है, जिसे नगर निगम सदन और कार्यकारिणी की मोहर लगने के बाद लागू किया जाना है। ऐसे में यह भी काम फंसा हुआ है।
एक सप्ताह के अंदर होगा सदन
महापौर सुषमा खर्कवाल के अनुसार नगर निगम सदन एक सप्ताह के अंदर होगी। विकास का कोई काम रुकेगा नहीं। वार्ड विकास निधि जारी की जा चुकी है, जिससे हर वार्ड में 50-50 लाख के काम कराए जा सकते हैं। पैचवर्क भी जहां जरूरी हैं, कराए जाएंगे। बजट की समस्या नहीं आएगी। बारिश का मौसम है ऐसे में सदन में इंजीनियर और जोनल अभियंताओं- जोनल अधिकारियों को नहीं बुलाया जाएगा, वह फील्ड में रहेंगे।