लखनऊ तीन समाधान दिवस से लगा रहे चक्कर, नगर निगम नाली पर नहीं रख पाया पत्थर

लखनऊ तीन समाधान दिवस से लगा रहे चक्कर, नगर निगम नाली पर नहीं रख पाया पत्थर
लखनऊ। नगर निगम का संपूर्ण समाधान दिवस नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए हर माह आयोजित किया जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि कई पुरानी शिकायतें आज भी जस की तस हैं। इसका ताजा उदाहरण शनिवार को लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय के त्रिलोकनाथ सभागार में देखने को मिला।चिनहट प्रथम वार्ड के 84 वर्षीय मुक्ता चरण गुप्ता नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर रह चुके हैं। 2004 में वह सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने बताया कि उनकी कॉलोनी की नालियों के पत्थर टूट गए हैं, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है। बीते दो महीनों में शहर में एक के बाद एक नालों में गिरने से हुए हादसों और मौत के बाद लोग डरे हुए हैं। बारिश के दौरान नालों के उफनाने से यह डर और बढ़ जाता है। तीन महीने पहले भी वह समाधान दिवस में आए थे, तब नगर आयुक्त ने लिखकर दिया था कि काम हो जाएगा, लेकिन समस्या जस की तस है। इसी कारण तीसरी बार फिर आया हूं। उन्होंने सवाल किया कि अगर काम में इतनी लापरवाही हो रही है तो ऐसे में हम स्मार्ट सिटी कैसे बनाएंगे?
उनकी यह पीड़ा न सिर्फ व्यक्तिगत शिकायत है, बल्कि नगर निगम के कामकाज पर भी सवाल खड़े करती है। महापौर सुषमा खर्कवाल ने अधिकारियों को पारदर्शिता और प्राथमिकता से शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश तो दिए, लेकिन समाधान दिवस में उठी पुरानी समस्याओं का न सुलझना व्यवस्था की हकीकत बयां करता है।
इनसेटपेंशन के लिए भटक रही विधवाहजरतगंज वार्ड निवासी सफाईकर्मी सुंदरलाल की अप्रैल में मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी ऊषा पारिवारिक पेंशन के लिए तीन बार प्रार्थना पत्र दे चुकी हैं। समाधान दिवस में भी गुहार लगाई, लेकिन कार्रवाई के बजाय सिर्फ आश्वासन ही मिला।
7.32 लाख रुपये की टैक्स वसूली का नोटिसइस्माइलगंज के हफीजुर्रहमान के घर पर नगर निगम ने 7.32 लाख रुपये की टैक्स वसूली का नोटिस चस्पा कर दिया, जबकि हाल ही में उन्होंने 15 हजार रुपये गृहकर जमा किया है। पड़ोस में ही उनके भाई का गृहकर 16 हजार रुपये आया। नोटिस के लिए वह 10 से अधिक बार जाकर मामले की शिकायत कर चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ। महापौर ने इस मामले में जोनल अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।—सबसे अधिक शिकायतें कर निर्धारण कीसमाधान दिवस में सबसे अधिक शिकायतें कर निर्धारण से जुड़ी रहीं। इसमें आठ जोन से कर संबंधी 45 प्रकरण और अतिक्रमण की एक शिकायत दर्ज की गई।