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लखनऊ चारबाग स्टेशन : 75 लाख की लिफ्ट-एस्केलेटर पर बुलडोजर चलाने की तैयारी, हजारों यात्रियों को होगी असुविधा

लखनऊ चारबाग स्टेशन : 75 लाख की लिफ्ट-एस्केलेटर पर बुलडोजर चलाने की तैयारी, हजारों यात्रियों को होगी असुविधा

कुछ साल पहले प्लेटफॉर्म नंबर चार पर 40 लाख रुपये का शौचालय बनाया गया था। इसमें पुरुष, महिला और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं थीं, लेकिन प्लेटफॉर्म मरम्मत के दौरान इसे तोड़ दिया गया। यह शौचालय एक दिन भी इस्तेमाल नहीं हो पाया।

इंजीनियरिंग विभाग और आरएलडीए के बीच समन्वय की कमी यात्रियों की सुविधा पर भारी पड़ने जा रही है। चारबाग रेलवे स्टेशन अपग्रेडेशन के दौरान प्लेटफॉर्मों पर लगी लिफ्ट और एस्केलेटर तोड़े जाने की तैयारी है। इन पर करीब 75 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन यात्री अब इनका लाभ नहीं उठा पाएंगे।
चारबाग स्टेशन के अपग्रेडेशन की योजना सात साल पहले बनी थी और डीपीआर तैयार भी कर ली गई थी, मगर कोविड की वजह से काम शुरू नहीं हो सका। हालात सामान्य होने पर यात्रियों की सुविधा के लिए हर प्लेटफॉर्म पर एक-एक लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए गए। इसी बीच स्टेशन के आधुनिकीकरण का जिम्मा रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपा गया। पहले चरण के लिए 550 करोड़ रुपये मंजूर हुए और द्वितीय प्रवेश द्वार से काम शुरू किया गया। प्लेटफॉर्म नंबर 2-3 और 4-5 पर ट्रैफिक ब्लॉक लेकर कॉन्कोर्स की नींव रखी गई। अब मुख्य प्रवेशद्वार पर निर्माण कार्य होना है। सूत्रों के मुताबिक, अफसर लिफ्ट और एस्केलेटर हटाने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि इन्हें यथावत रखकर भी कॉन्कोर्स बनाया जा सकता है। इनके हटने से यात्रियों को असुविधा होगी और करोड़ों की लागत व्यर्थ जाएगी।

विभागीय मनमुटाव बना रोड़ारेलवे अफसरों के बीच मनमुटाव नई बात नहीं है। पहले भी इंजीनियरिंग और ऑपरेटिंग विभाग के मतभेद के चलते वॉशिंग एप्रेन का काम छह महीने तक अटका रहा। इसी तरह अब इंजीनियरिंग विभाग और आरएलडीए के बीच तालमेल की कमी लिफ्ट-एस्केलेटर तोड़ने की नौबत लेकर आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पहले से चर्चा होती तो यह स्थिति ही पैदा न होती।पहले भी डूब चुके हैं लाखोंकुछ साल पहले प्लेटफॉर्म नंबर चार पर 40 लाख रुपये का शौचालय बनाया गया था। इसमें पुरुष, महिला और दिव्यांगों के लिए सुविधाएं थीं, लेकिन प्लेटफॉर्म मरम्मत के दौरान इसे तोड़ दिया गया। यह शौचालय एक दिन भी इस्तेमाल नहीं हो पाया।कॉन्कोर्स के बारे में अपग्रेडेशन के तहत चारबाग स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी व्यवस्था के लिए कॉन्कोर्स बनाया जाएगा। यह एक छत होगी जो लखनऊ जंक्शन से भी जुड़ेगी। यात्री यहीं से एंट्री करेंगे और टिकटिंग व लाउंज जैसी सुविधाएं मिलेंगी। कॉन्कोर्स से ही लिफ्ट और एस्केलेटर के जरिये प्लेटफॉर्मों तक पहुंच होगी।उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम कुलदीप तिवारी का कहना है कि चारबाग स्टेशन के अपग्रेडेशन के तहत कॉन्कोर्स निर्माण में लिफ्ट और एस्केलेटर तोड़े जाएंगे। इन्हें यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लगाया गया था, लेकिन अपग्रेडेशन योजना पहले से तय थी और उसी के तहत काम हो रहा है।

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