लखनऊ गांधी का चरखा हुआ आधुनिक…सोलर पैनल की मदद से अब कपड़ों की हो रही बुनाई; मंत्री ने किया उद्घाटन

लखनऊ गांधी का चरखा हुआ आधुनिक…सोलर पैनल की मदद से अब कपड़ों की हो रही बुनाई; मंत्री ने किया उद्घाटन
लखनऊ में शुरू हुए खादी महोत्सव में सोलर पैनल से चलने वाला आधुनिक चरखा आकर्षण का केंद्र बना, जिससे कई महिलाओं को रोजगार मिला है। कार्यक्रम में खादी उत्पादों का प्रदर्शन, उद्यमियों को पुरस्कार वितरण और खादी बोर्ड द्वारा युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की जानकारी साझा की गई।
गांधी का चरखा अब आधुनिक हो चुका है। हाथ के बजाय अब सोलर पैनल से संचालित होने वाली मशीन से कपड़ों की बुनाई हो रही है। गोमतीनगर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में शुक्रवार से शुरू हुई 10 दिवसीय खादी महोत्सव के उद्घाटन में पहुंचे खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान को हस्तशिल्प कारों ने आधुनिक तकनीक हो रही कपड़ों की बुनाई से रूबरू कराया।
महोत्सव में प्रदेश भर से आए 160 से अधिक उद्यमियों एवं इकाइयों की ओर से स्थापित स्टॉल में खादी एवं ग्रामोद्योग से निर्मित उत्कृष्ट उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है। यहां हस्तशिल्प, स्वदेशी तकनीक के साथ ही आधुनिक मशीन की मदद से हो रही कपड़ों की बुनाई की बारीकियों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है।
महोत्सव में खादी के अलावा, बनारसी साड़ी, उत्तराखंड की टोपी, उलन की साल, सुट व अन्य कपड़ों के स्टॉल लगाए गए हैं। महोत्सव की खासियत है कि यहां बिकने वाले ज्यादातर सामान्य स्वदेशी है, जो कही न कही गांधी के स्वदेशी सपनों को आगे बढ़ा रही हैं।
सोलर पैनल से संचालित आधुनिक चरखा से 27 महिलाओं को मिला रोजगार
अमेठी की सुनीता देवी ने बताया कि इस काम से बीते 15 साल से जुड़ी हुई हूं। लेकिन, बीते कुछ साल में खादी काम को बढ़ावा मिला है। पहले लकड़ी से निर्मित चरखा से तांगा बनाया जाता था लेकिन अब सोलर पैनल से संचालित आधुनिक मशीन के मदद से तांगों का निर्माण हो रहा है। इस काम से अन्य 27 महिलाओं को रोजगार मिला है।
खादी बोर्ड से मिली मदद, सालाना 10 लाख की बचत
लखनऊ जानकीपुरम की रहने वाली श्रुति शुक्ला ने बताया कि खादी बोर्ड से मदद मिली तो काम और आसान हो गया है। हस्तशिल्प का काम बीते 2017 से कर रहूं लेकिन, साल 2023 के बाद से काम में इजाफा हुआ। स्टॉल पर जितने भी कपड़े लगे हैं सभी में हाथ से डिजाइन की गई है। इस काम से अन्य 15 लोगों को रोजगार मिला है। इस काम से सालाना 10 लाख तक की बचत हो जा रही है।
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की मदद से 66,640 युवाओं ने शुरू किया स्वरोजगार
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनियों का आयोजन कर ग्रामीण उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड से इस साल 66,640 युवाओं को टूलकिट प्रदान कर स्वरोजगार से जोड़ा गया है। दोना मेकिंग मशीन, पॉपकॉर्न मशीन, हनी बॉक्स और विद्युत चालित चाक जैसे उपकरण ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में प्रभावी भूमिका निभा रहे हैं।
राज्य स्तरीय उत्कृष्ट इकाइयों के रूप में मेरठ के दीपक कुमार को प्रथम पुरस्कार
मंत्री राकेश सचान ने चयनित लाभार्थियों एवं उद्यमियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। राज्य स्तरीय उत्कृष्ट इकाइयों के रूप में मेरठ के दीपक कुमार को प्रथम पुरस्कार स्वरूप 40,000 रुपये, गोंडा की ममता को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 30,000 रुपये और हाथरस के संजय सिंह को तृतीय पुरस्कार स्वरूप 20,000 रुपये प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा चयनित पांच लाभार्थियों शशि शुक्ला, पिंकी, उमाकांत, विद्यावती व हिंदराज को दोना मेकिंग मशीन प्रदान की गई। पॉपकार्न मशीन का वितरण भी पांच लाभार्थियों सोनी, प्रीती, अर्जुन, किशन कुमार और अंकित साहू को किया गया। मिट्टी के शिल्पकला कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्युत चालित चाक भी पांच चयनित लाभार्थियों जियाउल हक, शिवकुमार, अनुराग प्रजापति, सुरेंद्र कुमार और पीयूष प्रजापति को प्रदान किए गए। कार्यक्रम में पगमिल के लिए चयनित लाभार्थी पप्पी को उपकरण प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।


