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यूपी कैबिनेट के फैसले: समूह क और ख के पदों की शैक्षिक अर्हता तय, व्यापारियों को जेल भेजने वाले 13 कानून खत्म

यूपी कैबिनेट के फैसले: समूह क और ख के पदों की शैक्षिक अर्हता तय, व्यापारियों को जेल भेजने वाले 13 कानून खत्म

यूपी कैबिनेट ने मंगलवार देर रात कई अहम फैसले लिए। इन फैसलों में व्यापारियों को बड़ी राहत मिली। इसके साथ ही समूह क और ख की शैक्षिक अर्हता भी तय हुई।

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में समूह क और समूह ख के पदों की शैक्षिक अर्हता में बदलाव के प्रस्ताव को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी मिल गई है। दरअसल, जिला कार्यक्रम अधिकारी के सात और बाल विकास परियोजना अधिकारी के 22 पदों पर सीधी भर्ती से चयन होना है। इसके लिए समकक्ष शैक्षिक अर्हता स्पष्ट न होने से उप्र लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजने में बाधा आ रही थी। विभाग ने संशोधन कर इसे स्पष्ट कर दिया है। अब जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए किसी विवि से समाजशास्त्र, मानव शास्त्र, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, गृह विज्ञान या समाज कार्य में से किसी भी विषय में स्नातक की उपाधि होनी चाहिए। बाल विकास परियोजना अधिकारी पद के लिए समाजशास्त्र, समाज कार्य या गृह विज्ञान में स्नातक की अर्हता तय की गई है।
13 कठोर कानून हटाए गए
प्रदेश सरकार ने उद्योग और व्यापार जगत के लिए बड़ा कदम उठाते हुए “उत्तर प्रदेश सुगम व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अध्यादेश-2025” को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए पारित इस अध्यादेश के तहत राज्य में लागू 13 प्रमुख औद्योगिक व व्यापारिक अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त कर दिए गए हैं। अब अधिकांश मामलों में उद्यमियों और व्यापारियों को जेल भेजने की बजाय आर्थिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई की व्यवस्था लागू होगी। यह कदम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देगा और प्रदेश में निवेश का माहौल और अनुकूल बनेगा। इस अध्यादेश के तहत कई पुराने प्रावधान, जिनमें मामूली उल्लंघन पर भी कारावास का प्रावधान था, अब हटाए जा रहे हैं। छोटे-मोटे तकनीकी उल्लंघनों पर अब जुर्माना या चेतावनी दी जाएगी।अध्यादेश के दायरे में आने वाले प्रमुख अधिनियमों में फैक्ट्री अधिनियम, दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट, बोइलर अधिनियम, और अनुबंध श्रमिक अधिनियम शामिल हैं। इन सभी में ऐसे प्रावधानों को संशोधित किया गया है जो निवेशकों के लिए अनावश्यक बाधा पैदा करते थे।नई व्यवस्था में लाइसेंस व पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल किया जाएगा, जिससे अनावश्यक कार्यालयी चक्कर खत्म होंगे। साथ ही निरीक्षण प्रणाली पारदर्शी बनाई जाएगी ताकि भ्रष्टाचार की संभावनाएं घटें। सरकार का कहना है कि इससे न केवल उद्योग जगत को राहत मिलेगी, बल्कि श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहेगी।

भदोही में होगी काशी नरेश राज्य विवि की स्थापना
सरकार ने मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर, भदोही को काशी नरेश महाविद्यालय भदोही के रूप में स्थापित किए जाने को मंजूरी दे दी। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी है।उच्च न्यायालय में 274 कार्मिकों के पदों का सृजन प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विभिन्न श्रेणी के 274 पदों के सृजन के लिए कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में स्वीकृति दी है। इसमें सहायक समीक्षा अधिकारी के 60 पद, समीक्षा अधिकारी के 149 पद, अनुभाग अधिकारी के 40 पद, सहायक निबंधक के 14 पद, उप निबंधक के 7 पद संयुक्त निबंधक के तीन पद और निबंधक का एक पद शामिल है।
परिवहन अनुभाग को निशुल्क मिलेगी जमीन
परिवहन विभाग को रायबरेली के ऊंचाहार में बस स्टैंड के निर्माण के लिए ग्राम पट्टी रहस कैध्वल में जमीन मिल गई है। यह जमीन परिवहन विभाग को निशुल्क दी जाएगी। इस आशय के प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है।धान खरीद के लिए ई-पॉप मशीनों की व्यवस्था करेगा यूपीडेस्को प्रदेश में धान और गेहूं की खरीद के लिए ई-पॉप मशीनों की खरीद के लिए यूपी डेस्को को नामित किया गया है। यह प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये मंजूर किया गया है। विगत कई वर्षों से यूपीडेस्को को ही कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया जा रहा है।

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