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लखनऊ एलडीए ने फ्लैट खरीदारों को दी बड़ी राहत, मेंटेनेंस शुल्क का नियम बदला

लखनऊ एलडीए ने फ्लैट खरीदारों को दी बड़ी राहत, मेंटेनेंस शुल्क का नियम बदला

एलडीए ने फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत दी है। मेंटेनेंस शुल्क का नियम बदल दिया गया है। इससे किसी भी खरीदार को अब तीन साल पहले का मेंटेनेंस शुल्क नहीं देना होगा।

राजधानी लखनऊ में एलडीए की पुरानी योजनाओं खाली पड़े फ्लैटों के खरीदारों के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें तीन साल पीछे से मेंटेनेंस शुल्क नहीं देना होगा। इसको लेकर एलडीए ने आदेश भी पास कर दिया है।

अभी एलडीए उन आवंटियों से भी तीन साल का पुराना मेंटेनेंस शुल्क वसूल रहा था, जिन्होंने हाल में ही फ्लैट खरीदा है। इसको लेकर आवंटी यह कह रहे थे कि जब वह वहां पर रह ही नहीं रहे थे और न ही उनका फ्लैट था तो वह पुराना मेंटेनेंस शुल्क क्यों दें? जब उन्होंने फ्लैट खरीदा तक से शुल्क लिया जाए।

इस पर एलडीए उस नियम का हवाला दे रहा था, जिसमें अपार्टमेंट का काम पूरा होने के बाद पहली रजिस्ट्री की तारीख से सभी से तीन साल का मेंटेनेंस शुल्क सभी से लिए जाने का नियम था। इसका हवाला देकर एलडीए तीन साल का अतिरिक्त बोझ उन आवंटियों पर भी डाल रहा था, जो पुराने आवंटी नहीं थे।

इसको लेकर आवंटियों का कहना था कि यह नियम उनके लिए तो ठीक है जो शुरू से ही रह रहे हैं। जो अब फ्लैट खरीद रहे हैं, उनसे पीछे का शुल्क क्यों लिया जा रहा है। इसको लेकर कई लोगों ने आपत्ति की। इसके बाद अब एलडीए ने अपना नियम बदला है।

एक फ्लैट पर पड़ रहा था 50 से 60 हजार का बोझ
तीन साल का अतिरिक्त मेंटेनेंस शुल्क लिए जाने से एक आवंटी पर करीब 50 से 60 हजार रुपये अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। एलडीए की ओर से करीब एक साल से पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत फ्लैट बेचे जा रहे हैं। इसमें छूट भी दी जा रही है। ऐसे में जब आवंटी रजिस्ट्री कराकर कब्जा लेने जा रहे थे तो उनसे तीन साल का शुल्क मांगा जा रहा था। ऐसे में उनको छूट पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा था।आवंटियों का यह भी कहना था कि आवास विकास परिषद में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। वहां पर तो कब्जा देने के बाद मेंटेनेंस शुल्क लिया जाता है। ऐसे में एलडीए का नियम गलत है।एलडीए के सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि नए खरीदारों के लिए मेंटेनेंस शुल्क लिए जाने की व्यवस्था में बदलाव हुआ है। एलडीए बोर्ड ने प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। इसमें तीन साल पीछे का मेंटेनेंस शुल्क नहीं लिए जाने का प्रावधान है।

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