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लखनऊ उपकेंद्रों से 45 फीसदी कर्मियों की छंटनी, रोजमर्रा के काम पर असर

लखनऊ उपकेंद्रों से 45 फीसदी कर्मियों की छंटनी, रोजमर्रा के काम पर असर

निविदा/ संविदा कर्मचारी संघ का आरोप, ऊर्जा मंत्री को सुनाएंगे कर्मी पीड़ा

। पॉवर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने खर्चे कम करने के नाम पर उपकेंद्रों पर काम करने वाले 45 फीसदी संविदा कर्मियों की छंटनी करके उनको नौकरी से निकाल दिया। इससे उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था से लेकर अन्य रोजमर्रा के काम पर असर पड़ा। यह आरोप यूपी पॉवर कॉरपोरेशन निविदा/ संविदा कर्मचारी संघ का है। संघ की अगुवाई में यह संविदा कर्मचारी 25 अगस्त को लखनऊ में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को आपबीती सुनाएंगे।संघ के प्रांतीय महासचिव देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा वर्ष 2017 के अपने स्वयं के आदेश का उल्लंघन करके उपकेंद्रों के परिचालन व अनुरक्षण कार्य में लगे 45 फीसदी आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी कर दिया गया। इससे उपकेंद्रों पर बचे कर्मियों पर काम का बोझ आ पड़ा। इसी कारण समय से बंद बिजली को चालू होने में देर हुई , जिसने शासन-सत्ता की भी किरकिरी कराई।

मानक के अनुरूप तैनाती नहीं23 मई 2025 को संगठन की हुई वार्ता में पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा कहा गया था कि विद्युत उपकेंद्रों के परिचालन व अनुरक्षण कार्य के लिए कर्मचारियों को तैनात करने का मानक निर्धारित करने के लिए समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा निर्धारित किए गए मानक के अनुरूप कर्मचारियों कि तैनाती की जाएगी। मगर ढाई माह बीतने के बावजूद भी प्रबंधन द्वारा न तो मानक समिति द्वारा निर्धारित किए गए मानक से अवगत कराया गया और न ही छंटनी के नाम पर हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिया गया।

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