जिले में बड़ी कार्रवाई: बिना मान्यता ही बच्चों को दे रहे थे शिक्षा, डीएम कुशीनगर ने लिया संज्ञान- 5 विद्यालय सील

जिले में बड़ी कार्रवाई: बिना मान्यता ही बच्चों को दे रहे थे शिक्षा, डीएम कुशीनगर ने लिया संज्ञान- 5 विद्यालय सील
डीएम महेंद्र सिंह तंवर के पास शिकायत मिली कि लंबे समय से ये स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। सूचना पर तत्काल डीएम ने एक टीम गठित की और तय समय में रिपोर्ट तलब की। मंगलवार को खड्डा नायब तहसीलदार मुकेश कुमार और नौरंगिया के बीईओ रजनीश द्विवेदी ने पुलिस बल के साथ क्षेत्र में संचालित विद्यालयों की सघन जांच की, तो पूरा मामला खुलकर सामने आया।
पकड़ियार बाजार/फाजिलनगर में बिना मान्यता के संचालित विद्यालयों पर कार्रवाई के लिए डीएम की तरफ से गठित टीम ने नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के पांच गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को सील कर दिया। वहीं, फाजिलनगर के बीईओ की जांच में एक विद्यालय में पांचवीं तक की मान्यता पर आठवीं के विद्यालय संचालन मिला।
उन्होंने मान्यता के अतिरिक्त संचालित कक्षाओं को बंद कराते हुए अन्य विद्यालयों की जांच दौरान कमियां मिलने पर तीन विद्यालय संचालकों को नोटिस देकर जवाब तलब किया है। डीएम के निर्देश पर मंगलवार को खड्डा नायब तहसीलदार मुकेश कुमार और नौरंगिया के बीईओ रजनीश द्विवेदी ने पुलिस बल के साथ क्षेत्र में संचालित विद्यालयों की सघन जांच की।
जांच के दौरान एमपी विद्या मंदिर रायगंज, इंडियन पब्लिक स्कूल किशनपुर विजयपुर, सनलाइट मिशन स्कूल कोटवा, प्रगति सेंट्रल एकेडमी कोटवा और एसकेएन पब्लिक स्कूल कोटवा समेत ये पांचों विद्यालय बिना मान्यता के संचालित मिले। इसको गंभीरता से लेते हुए उन्होंने बंद कराते हुए सील करवा दिया।
बीईओ रजनीश द्विवेदी ने बताया कि किसी भी दशा में क्षेत्र में अमान्य विद्यालय का संचालन नहीं होने दिया जाएगा। जांच के दौरान यदि कहीं भी बिना मान्यता के विद्यालय संचालित मिले तो उसे सील कर संचालक के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
फाजिलनगर बीईओ विजयपाल नारायण त्रिपाठी ने क्षेत्र में संचालित प्राइवेट विद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संत चंपा स्कूल जौरा बाजार में कक्षा पांचवीं तक की मान्यता पर आठवीं तक कक्षाएं संचालित मिली।
इसको उन्होंने गंभीरता से लेते हुए मान्यता के अतिरिक्त संचालित कक्षाओं को बंद करा दिया। इसके बाद उन्होंने क्षेत्र के तीन अन्य विद्यालयों के जांच की, जिसमें कई कमियां मिलने पर संबंधित विद्यालय संचालकों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है।