राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.24 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण

बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।13/12/025को
राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.24 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण
जनपद न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ

गाजीपुर।न्यायालय गाजीपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ माननीय जनपद न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने लोक अदालत की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह व्यवस्था वर्षों से लंबित मामलों के त्वरित, सरल एवं स्थायी समाधान का प्रभावी माध्यम है। लोक अदालत में निस्तारित मामलों के विरुद्ध अपील का प्रावधान नहीं होने से विवाद का स्थायी अंत हो जाता है, जिससे समय और संसाधनों की भी बचत होती है।उन्होंने अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण हेतु न्यायिक अधिकारियों एवं संबंधित विभागों को प्रोत्साहित करते हुए आपसी सुलह-समझौते के माध्यम से वैमनस्य समाप्त करने का आह्वान किया।नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत एवं अपर जिला जज (कोर्ट संख्या-1) शक्ति सिंह ने बताया कि यह लोक अदालत किसानों, मजदूरों एवं सीमाओं पर तैनात जवानों को समर्पित है, ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय का लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे विवादों में अनावश्यक मुकदमेबाजी से उत्पन्न तनाव को समाप्त कर सामाजिक सौहार्द स्थापित करने में लोक अदालत की महत्वपूर्ण भूमिका है।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर श्री विजय कुमार-IV ने जानकारी दी कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 1,39,292 मामले निस्तारण हेतु नियत थे, जिनमें से 1,24,075 मामलों का सुलह-समझौते एवं संस्वीकृति के आधार पर अंतिम निस्तारण किया गया। इनमें न्यायालयों द्वारा 13,462 तथा बैंकों एवं अन्य विभागों द्वारा 1,10,613 मामलों का निस्तारण हुआ। परिवार न्यायालय में तीन विवाहित जोड़ों की सुलह कराकर उन्हें विदाई दी गई। बैंकों द्वारा लगभग 10 करोड़ 95 लाख रुपये से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण किया गया।लोक अदालत के अवसर पर वृद्धा, दिव्यांग एवं विधवा पेंशन, मेडिकल कैंप, बिजली बिल, गृहकर, जलकर तथा विभिन्न सामाजिक योजनाओं से संबंधित सहायता शिविर भी लगाए गए। इस दौरान जनपद न्यायाधीश द्वारा दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर एवं बैसाखी का वितरण भी किया गया।उल्लेखनीय है कि जनपद का सबसे पुराना आरबिट्रेशन वाद संख्या 13/2014 (महेंद्र एंड महेंद्र बनाम माता अमरावती विद्यालय), जो लगभग 11 वर्षों से लंबित था, को सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित किया गया। यह प्रकरण अपर जिला जज प्रथम शक्ति सिंह के न्यायालय में लंबित था। सुलह के उपरांत प्रकरण से जुड़े अधिवक्ताओं को सम्मानित भी किया गया।कार्यक्रम में पी.ओ. (एम.ए.सी.टी.) संजय हरिशुक्का, अपर जिला जज अली रज़ा, अभिमन्यु सिंह, रामअवतार प्रसाद, अलख कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती नूतन द्विवेदी, सिविल जज (सी.डि.) अमित कुमार, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपेंद्र कुमार गुप्ता, सिविल जज (सी.डि.)/एफ.टी.सी. श्रीमती अर्चना, सिविल जज (जूडि.) बेतांक चौहान, न्यायिक मजिस्ट्रेट हार्दिक सिंह, बार के पदाधिकारी, न्यायालय कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।



