
बेद प्रकाश पाण्डेय ब्यूरो चीफ गाजीपुर।
आज दिनांक।18/12/025को
राज्य सभा सांसद ने जनपद की व्यस्त रेलवे क्रॉसिंगों पर ओवर ब्रिज और गाज़ीपुर- मऊ लाइन विस्तारीकरण परियोजना को पुनः चालू कराने माँग की।
गाजीपुर। राज्यसभा सांसद डा. संगीता बलवंत बिन्द ने आज सदन में जनपद की सबसे ज़्यादा व्यस्त प्रमुख रेलवे क्रॉसिंग दिलदारनगर, भदौरा, दुल्लहपुर, सैदपुर, सहेड़ी, महराजगंज बाजार और फुल्लनपुर पर ओवर ब्रिज या अंडर पास बनवाने की माँग की। इन जगहों पर रोजाना हजारों वाहन और पैदल यात्री रेलवे फाटक बंद होने से घंटों फंस जाते हैं इससे न केवल समय बर्बाद होता है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ता है।
राज्यसभा सांसद ने बताया की इन रेलवे कार्सिंगों से हज़ारों की संख्या में लोग प्रतिदिन रेलवे फाटक बंद होने से भीषण जाम का सामना कर रहे हैं।ब्रिज या अंडर पास बनने से इन जगहों पर ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी और लोगों की यात्रा आसान बनेगी।
साथ ही राज्यसभा सांसद डा. संगीता बलवंत ने गाजीपुर – मऊ रेल लाइन विस्तारीकरण परियोजना को पुनः चालू कराने की माँग की।
डा. संगीता बलवंत ने सदन में माँग रखते हुए कहा कि जनपद गाजीपुर का रेल मार्ग दिलदारनगर, ताड़ीघाट अंग्रेजी शासन के समय लगभग 1880 ई में बनाया गया था जहां 2 वर्ष पूर्व तक ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन भी सक्रिय था पूर्व के सरकारों में भी ताड़ीघाट रेलवे स्टेशन से गाजीपुर सिटी व मऊ तक रेल लाइन का विस्तार करना एवं गंगा नदी में पुल बनाया जाना प्रस्तावित था लेकिन पूर्व के सरकारों ने इसे कभी बनाया नहीं, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी का 2014 में कार्यकाल प्रारंभ हुआ जिसमें तत्कालीन रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा जी के प्रस्ताव पर उपरोक्त रेल मार्ग के विस्तारिकरण एवं गंगा नदी में डबल डेकर रेल सह रोड ब्रिज परियोजना की आधारशिला 14 नवंबर 2016 को माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा रखी गई, कुछ ही वर्षों में ताड़ीघाट से गाजीपुर सिटी तक रेल मार्ग एवं गंगा नदी में पुल का निर्माण कर लिया गया परंतु अभी संज्ञान में आया है कि उक्त प्रस्तावित रेल मार्ग जो गाजीपुर सिटी से मऊ तक है जो दिल्ली हावड़ा लाइन को वाराणसी मऊ छपरा लाइन से जोड़ने वाली थी इस परियोजना को बंद कर दिया गया है।
उपरोक्त परियोजना को पुनः प्रारंभ कर गाजीपुर सिटी से मऊ तक रेल मार्ग विस्तारीकरण की मांग राज्यसभा सांसद ने जोरदार तरीक़े से रखी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पूर्वांचल और जनपद के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। शिक्षा, उद्योग और रोज़गार के क्षेत्र में प्रगति होने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश देश के सभी रेल जोन से जोड़ने में मददगार साबित होगा जिससे उत्तर प्रदेश के साथ की पड़ोसी राज्य बिहार को भी लाभ होगा।



