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राजधानी में अब नगर निगम संभालेगा स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी, ईईएसएल का करार रद्द

राजधानी में अब नगर निगम संभालेगा स्ट्रीट लाइट की जिम्मेदारी, ईईएसएल का करार रद्द

राजधानी की सड़कों को रोशन रखने की जिम्मेदारी अब नगर निगम खुद निभाएगा। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने स्ट्रीट लाइट की देखरेख और मरम्मत का काम निजी कम्पनी से वापस ले लिया है। उसका अनुबंध निरस्त कर दिया है। नगर निगम अब अपने संसाधनों से खुद स्ट्रीट लाइट का अनुरक्षण करेगा। इसके साथ ही लखनऊ में स्ट्रीट लाइट की लंबे समय से चली आ रही खामियों और समस्याओं का शीघ्र समाधान होने की उम्मीद जगी है। ईईएसएल कंपनी का अनुबंध खत्म नगर निगम ने जिस कंपनी को वर्ष 2018 में राजधानी में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी थी, उसका नाम था एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल)।

कंपनी को पूरे शहर में करीब 2,09,957 स्ट्रीट लाइट की देखरेख की जिम्मेदारी दी गयी थी। लेकिन लगातार लापरवाही, खराब प्रदर्शन और शिकायतों के चलते नगर निगम ने अब उसका अनुबंध समाप्त कर दिया है। कंपनी का अनुबंध 31 मई को ही समाप्त हो गया था, लेकिन शासन ने उसे एक महीने का अतिरिक्त समय देते हुए 30 जून तक सेवा विस्तार दिया था। अब नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देश पर कंपनी का अनुबंध पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है। बंद और गायब लाइटों का बढ़ता आंकड़ा जब कंपनी का कार्यकाल समाप्त होने को था, उस समय शहर में करीब 23,051 स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी थीं। इसके अलावा 10,230 स्ट्रीट लाइट या तो चोरी हो गई थीं या पूरी तरह से गायब थीं। ये आंकड़े राजधानी की सड़कों पर अंधेरे की स्थिति और कंपनी की कार्यप्रणाली की पोल खोलते हैं। नगर निगम ने पूर्व में इस कम्पनी के कर्मचारियों के स्ट्रीट लाइटें खम्भों से चोरी करते हुए पकड़ा था। मामले में नगर निगम ने कम्पनी के कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी। जनता को करना पड़ा असुविधा का सामना ईईएसएल कंपनी के कामकाज को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई मोहल्लों, कॉलोनियों और मुख्य सड़कों पर महीनों तक लाइटें खराब पड़ी रहीं, जिससे अंधेरा छाया रहा और दुर्घटना तथा आपराधिक घटनाओं की संभावना बनी रही। सदन से लेकर अधिकारी तक इस मुद्दे पर असंतोष जताते रहे। जनता की नाराजगी और आलोचना का सीधा असर नगर निगम की साख पर भी पड़ा। नगर निगम सदन में हर बार स्ट्रीट लाइट को लेकर हंगामा होता था। क्योंकि शिकायतों का निस्तारण भी नहीं किया जाता था। अब लोगों ने राहत की सांस ली है। अब निगम खुद करेगा देखरेख और नई लाइटों की स्थापना नगर आयुक्त गौरव कुमार ने स्पष्ट किया कि अब किसी नई कंपनी को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। नगर निगम ने स्वयं ही पूरी व्यवस्था तैयार कर ली है, जिसके तहत पुरानी लाइटों की मरम्मत और नई स्ट्रीट लाइटों की स्थापना निगम स्तर पर की जाएगी।

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