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यूपी 1877 से जारी रजिस्टर्ड डाक सेवा का आज आखिरी दिन, अब सिर्फ स्पीड पोस्ट से ही पहुंचेंगे पत्र

यूपी 1877 से जारी रजिस्टर्ड डाक सेवा का आज आखिरी दिन, अब सिर्फ स्पीड पोस्ट से ही पहुंचेंगे पत्र

1877 में ब्रिटिश हुकूमत के साथ शुरू हुई रजिस्टर्ड डाक सेवा 30 सितंबर से बंद हो जाएगी। इसे सरकारी मान्यता के तौर पर देखा जाता था।

ब्रिटिश हुकूमत के समय से चिट्ठी और दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से पहुंचाने के भरोसे वाली डाक विभाग की रजिस्टर्ड डाक सेवा 30 सितंबर की रात बंद हो जाएगी। एक अक्तूबर से स्पीड पोस्ट के माध्यम से पत्र पहुंचेगा।

रजिस्टर्ड डाक सेवा की शुरुआत 1877 में हुई थी। उस दौर में यह सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता था, जिससे कानूनी दस्तावेज, महत्वपूर्ण पत्राचार और व्यक्तिगत संदेश गारंटी के साथ गंतव्य तक पहुंचते थे। न्यायालयों से लेकर आम नागरिक तक, इस सेवा ने विश्वास का एक लंबा इतिहास बनाया है। इस सेवा का बंद होना विभाग के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम जरूर है, लेकिन इसके साथ ही एक पुरानी परंपरा और सस्ती सुविधा भी समाप्त हो रही है।

प्रवर डाक अधीक्षक सचिन चौबे ने बताया कि स्पीड पोस्ट सेवा थोड़ी महंगी जरूर होगी, लेकिन इसके कई फायदे भी हैं। पांच रुपये अतिरिक्त भुगतान करके प्रेषण पर्ची तो मिलेगी ही, उपभोक्ता वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित डिलीवरी की सुविधा प्राप्त कर सकता है। वजन व दूरी के हिसाब से नई दरें भी तय कर दी गई हैं।

स्पीड पोस्ट के अन्य फायदे

दस्तावेजों की सुरक्षित और ट्रैकिंग के साथ डिलीवरी
किसी भी लेनदेन या सरकारी कार्य में कानूनी मान्यता
ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में समान रूप से सुलभ सेवा
पांच रुपये अतिरिक्त अदा कर प्रेषण पर्ची का विकल्प

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