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यूपी सीएम योगी बोले- भाजपा सरकार के साढ़े आठ साल में 86 रुपये बढ़ा गन्ने का समर्थन मूल्य

यूपी सीएम योगी बोले- भाजपा सरकार के साढ़े आठ साल में 86 रुपये बढ़ा गन्ने का समर्थन मूल्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गन्ने के समर्थन मूल्य में बीते साढ़े आठ साल में 86 रुपये की वृद्घि हुई है। पहले मुनाफा बिचौलिया कमाता था पर अब ऐसा नहीं है।

गन्ने का समर्थन मूल्य प्रति कुंतल 30 रुपये बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान सम्पन्नता  की राह चला है। किसान के हित की भी योजना बनी, ये मोदी के बाद संभव हो सका है। सायल हेल्थ कार्ड की कोई व्यवस्था हमारे पास नहीं थी। पहली बार मोदी के आने का बाद सॉयल हेल्थ कार्ड, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और प्रधानमंत्री सम्मान निधि सहित तमाम योजनाओं को लागू किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आज किसान देश की किसी भी मंडी में जाए कोई टैक्स नहीं है। 6000 रुपए किसान सम्मान निधि रोजमर्रा के काम के लिए किसान को साहूकारों जाल से निकालने के लिए दी जा रही है। प्रदेश के गन्ना किसानों की मांग पर हमने गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया है। अब किसानों को एमएसपी का लाभ मिल रहा है। पिछले साढ़े आठ साल से गन्ना किसानों की खरीद पर 86 रुपये प्रति कुंतल की वृद्धि की गई है। 2017 से पहले गन्ना की खेती घाटे का सौदा बन गई थी। किसानों को अपमानित कर कोई राज्य या देश समृद्ध नहीं बन सकता। चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि समृद्धि का रास्ता गांव खलिहानों से होकर गुजरता है।

भाजपा सरकार के आते ही 86 लाख किसानों को कर्ज से मुक्त किया गया। 23 लाख किसानों को सिंचाई योजना दी गई। सिंचाई योजनाएं 30 से 50 वर्ष से लंबित थीं। सरकार बनते ही योजनाओं को पूरा किया गया। सोलह लाख निजी नलकूप का बिल माफ किया गया। प्रदेश के अंदर किसान अनाज पैदा करता था लेकिन लागत और मेहनत की कीमत नहीं थी। 2017 से पहले क्रय केंद्र नहीं थे और मुनाफा बिचौलिया कमाता था। हमने किसान से सीधी खरीद की।2017 से पहले चीनी मिल बदहाल थीं। यूपी ऐसे ही बीमारू नहीं हुआ तब गन्ना उत्पादन में यूपी नंबर तीन पर आ गया था। किसान हताश था। यूपी को बीमारू बनाने में सत्ताधारी दलों की बीमार मानसिकता थी। सभी परिवार के विकास में लगे थे। 42 चीनी मिलों का विस्तार हुआ। चार नई मिल लगी। एथेनॉल, डिस्टलरी के रूप में पूरा शुगर कॉम्लेक्स लगाया गया।

यूपी में 122 चीनी मिलें चल रही हैं

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज कोई नहीं कह सकता कि चीनी मिल बंद होंगी। आज प्रदेश में 122 चीनी मिलें चल रही हैं। गन्ने का दायरा 20 लाख से बढ़कर 30 लाख हेक्टेअर हो गया है तब भी मिलों के लिए गन्ना कम पड़ रहा। सभी को उन्नत बीज मिलेगा। नया निवेश आ रहा है।उन्होंने कहा कि हर जनपद में किसानों का सम्मान होना चाहिए। जितना गन्ना मूल्य का भुगतान 2007 से 2017 तक हुआ उससे बहुत ज्यादा भुगतान भाजपा सरकार के साढ़े आठ साल में किया गया। दो तीन ग्रुप हैं जो भुगतान नहीं कर रहे। उनसे जल्द भुगतान कराएंगे। अकेले चीनी मिलें दस लाख से ज्यादा लोगों को नौकरियां दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में ढ़ाई करोड़ से ज्यादा किसान गन्ने से जुड़े हुए हैं।

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