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यूपी सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की होगी जांच, सीएम ने 15 दिन में तलब की रिपोर्ट

यूपी सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की होगी जांच, सीएम ने 15 दिन में तलब की रिपोर्ट

यूपी में विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की जांच की जाएगी। सीएम योगी ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। हर मंडल में विशेष जांच टीम का गठन किया जाएगा। यह टीम हर जिले में जाकर गहनता से जांच करेगी। जांच के बाद 15 दिन में शासन को रिपोर्ट भेजनी होगी। अनियमितता पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में संचालित पाठ्यक्रमों की मान्यता व प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश दिए हैं। बाराबंकी जिले के श्री रामस्वरूप विश्विद्यालय में फर्जी डिग्री को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठी चार्ज के बाद सीएम ने यह बड़ा फैसला लिया है।

सीएम के आदेश के बाद सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले जनपदों में विशेष जांच टीम का गठन करेंगे। टीम में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस विभाग का अधिकारी और एक शिक्षा विभाग का अधिकारी अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। यह टीम जमीनी स्तर पर जांच करके संस्थानों की मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की हकीकत परखेगी।

संस्थानों को मान्यता-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा
जांच के दौरान प्रत्येक शैक्षणिक संस्था से शपथ पत्र लिया जाएगा। इसमें यह स्पष्ट करना होगा कि संस्थान केवल उन्हीं कोर्सों का संचालन कर रहा है, जिन्हें नियामक निकाय, विश्वविद्यालय या बोर्ड से मान्यता प्राप्त है। इसके साथ ही, संचालित सभी कोर्स की सूची और उनके मान्यता-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। किसी भी छात्र का दाखिला बिना मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में नहीं होना चाहिए।

अनियमितता पर होगी कठोर कार्रवाई

यदि जांच में किसी संस्थान में अवैध प्रवेश या बिना मान्यता के कोर्स संचालित पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं संस्थान को छात्रों का पूरा शुल्क ब्याज सहित वापस करना होगा। सरकार छात्रों के भविष्य के साथ कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी।

15 दिन में शासन को भेजनी होगी रिपोर्ट

टीम जांच करके 15 दिन के अंदर शासन को रिपोर्ट भेजेगी। सीएम योगी ने कहा कि यह कार्यवाही सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि छात्रों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा संवेदनशील मुद्दा है। जांच की पूरी प्रक्रिया पर मंडलायुक्त प्रत्यक्ष निगरानी रखेंगे। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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