Breaking News

यूपी सड़कों पर नहीं उतर रहीं तीन हजार रोडवेज बसें… यात्री परेशान, लखनऊ की 30 प्रतिशत एसी बसें रूट से दूर

यूपी सड़कों पर नहीं उतर रहीं तीन हजार रोडवेज बसें… यात्री परेशान, लखनऊ की 30 प्रतिशत एसी बसें रूट से दू

एक तरफ यात्री परेशान होते हैं। दूसरी तरफ तीन हजार रोडवेज बसें सड़कों पर ही नहीं उतर रही हैं। लखनऊ की 30 प्रतिशत एसी बसें रूट से दूर हैं।

उत्तर प्रदेश में रोज करीब 3,000 रोडवेज बसें सड़कों पर नहीं चल पा रही हैं। इन बसों की हालत खराब है या फिर उन्हें चलाने के लिए स्टाफ की कमी है। नतीजतन, बसें डिपो में खड़ी रहती हैं और यात्रियों को निजी या डग्गामार वाहनों से सफर करना पड़ रहा है। इससे एक ओर जहां यात्रियों को दिक्कत हो रही है, वहीं रोडवेज को भारी आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

लखनऊ में ही 190 बसें खड़ी रहीं। इस स्थिति को देखते हुए परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) मासूम अली सरवर ने अफसरों को फटकार लगाई है और साफ कहा है कि मरम्मत में कोई लापरवाही न हो। उन्होंने अफसरों से कहा कि यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता दी जाए।

13,599 में से सिर्फ 11,000 बसें चल रहीं
परिवहन निगम के पास कुल 13,599 बसें हैं। इनमें से रोजाना लगभग 11,000 ही चल पा रही हैं। बाकी बसें खराबी या स्टाफ की कमी के कारण डिपो से बाहर नहीं निकल पा रहीं। सबसे ज्यादा बसें गाजियाबाद में खड़ी हैं, उसके बाद लखनऊ का नंबर है। बसों के संचालन की बात की जाए तो वहीं, कानपुर, देवीपाटन, मेरठ और चित्रकूट जैसे इलाकों में हालात और भी खराब हैं। संख्या के आधार पर सबसे ज्यादा बसें खड़ी रहने के मामले में लखनऊ चौथे स्थान पर है।

अधिकारियों पर सवाल
संचालन के लिए जिम्मेदार जीएम अनिल कुमार खुद कानपुर परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक भी हैं, लेकिन उनके ही क्षेत्र में सबसे ज्यादा बसें रूट से बाहर हैं।

खड़ी बसों का हाल
परिक्षेत्र – कुल बसें – खड़ी बसें
लखनऊ – 999 -190
गोरखपुर – 945 – 148
प्रयागराज – 663 – 182
अयोध्या – 435 – 104
नोएडा – 262 – 3
हरदोई – 863 – 88
गाजियाबाद – 1040 – 182
बरेली – 721 – 128
अलीगढ़ – 738 – 140
मुरादाबाद – 982 – 197
इटावा – 572 – 115
झांसी – 227 – 48
वाराणसी – 588 – 129
सहारनपुर – 744 – 169
आजमगढ़ – 552 – 128
आगरा – 703 – 172
मेरठ – 955 – 235
कानपुर – 730 – 210
चित्रकूट – 462 – 111
देवीपाटन – 418 – 132
(ये आंकड़े केवल साधारण बसों के हैं)

एसी बसों की हालत भी खराब

रोडवेज के पास कुल 700 एसी बसें हैं, जिनमें से रोजाना करीब 230 बसें रूट पर नहीं चल रही हैं। कानपुर, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर परिक्षेत्र में एसी बसों की हालत ज्यादा चिंताजनक है। लखनऊ में 30% से ज्यादा एसी बसें खड़ी हैं, जबकि सहारनपुर में आधे से ज्यादा।

अधिकारियों की लापरवाही समस्या की जड़

डिपो में खड़ी बसों की वजह सिर्फ खराबी नहीं है, बल्कि अधिकारियों की लापरवाही भी बड़ी वजह है। न तो वे डिपो का निरीक्षण कर रहे हैं, न ही यात्रियों की शिकायतों पर ध्यान दे रहे हैं। एमडी के निर्देशों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि रोडवेज बसों के सड़कों पर नहीं उतर पाने का मामला गंभीर है। शिकायतों को देखते हुए तीन महीने का आकलन करते हुए रिपोर्ट मांगी गई है। खराब प्रदर्शन करने वाले अफसरों पर कार्रवाई होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button