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यूपी विधान परिषद की 11 सीटों के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण 30 से, अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर से

यूपी विधान परिषद की 11 सीटों के लिए मतदाता सूची का पुनरीक्षण 30 से, अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर से

यूपी विधान परिषद की 11 सीटें अगले साल दिसंबर में खाली हो रही हैं। चुनाव आयोग ने पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी कर दिया है। पुनरीक्षण का कार्य 30 सितंबर से शुरू होगा।

यूपी विधान परिषद की 11 सीटों के लिए मतदाता सूचियों को संशोधित करने का काम 30 सितंबर से शुरू होगा। इन सूचियों में नाम शामिल कराने के लिए अर्हता तिथि 1 नवंबर 2025 होगी। अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर को होगा।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अगले वर्ष 6 दिसंबर को विधान परिषद में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की जो पांच सीटें लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ व इलाहाबाद-झांसी रिक्त हो रही हैं। इसी तरह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की 6 सीटें लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद व गोरखपुर-फैजाबाद भी रिक्त हो जाएंगी।

इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए 30 सितंबर को सार्वजनिक नोटिस जारी होगा। 15 अक्तूबर को समाचार पत्रों में नोटिस का प्रथम पुनर्प्रकाशन और 25 अक्तूबर को इसका द्वितीय पुनर्प्रकाशन होगा। फार्म 18 या 19 में आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 6 नवंबर और पांडुलिपियों की तैयारी व निर्वाचन नामावलियों का मुद्रण 20 नवंबर को होगा।25 नवंबर से 10 दिसंबर तक दाखिल कर सकेंगे आपत्तियांमतदाता सूचियों के मसौदे का प्रकाशन 25 नवंबर को होगा। दावे व आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक है। 25 दिसंबर तक दावे-आपत्तियों का निस्तारण होगा और अनुपूरक सूची तैयार कर प्रिंट की जाएगी। रिणवा ने बताया कि स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों की सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवेदक अर्हता तिथि से कम से कम 3 वर्ष पूर्व स्नातक हो या इसके समकक्ष अर्हता रखता हो।इसी प्रकार शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सूची में नाम शामिल कराने के लिए आवेदक को एक नवंबर अर्हता तिथि से पहले राज्य के माध्यमिक स्तर के शैक्षिक संस्थानों में विगत 6 वर्षों में 3 वर्ष से शिक्षण कार्य किया हो। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी संबंधित मंडलायुक्त होंगे।जिलाधिकारी अपने निर्वाचन क्षेत्र के सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और इन निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी भी अपने क्षेत्र के सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी होंगे।

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