इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को भेजा धमकी भरा ईमेल… सिपाही के फोन से टाइमर लगाकर भेजा

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को भेजा धमकी भरा ईमेल… सिपाही के फोन से टाइमर लगाकर भेजा
आरोपी लखनऊ जेल में बंद है। मामले में पेशी पर आने के दौरान सिपाही का फोन इस्तेमाल किया गया। दोनों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
सोशल मीडिया पर ट्रेडिंग के नाम पर सात लाख लोगों से करीब 3700 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी अनुभव मित्तल का एक और कारनामा सामने आया है। उसने जेल में बंद एक अन्य आरोपी को फंसाने के लिए सिपाही के मोबाइल फोन से इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश को ईमेल भेज दिया। इसमें लिखा कि हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के एक जज की हत्या होने वाली है।
हाईकोर्ट की ओर से जानकारी देने पर पुलिस आयुक्त लखनऊ ने साइबर सेल और क्राइम ब्रांच से मामले की जांच कराई। पता चला कि जिस फोन से ईमेल किया गया, वह पुलिस लाइन में तैनात सिपाही अजय कुमार का है। इसके बाद अजय से पूछताछ की गई। अजय ने बताया कि चार नवंबर को वह बंदी अनुभव मित्तल को लेकर पेशी पर गया था। अनुभव ने केस का स्टेटस जानने के लिए फोन मांगा था। इसी दौरान उसने फोन में नई ईमेल आईडी बनाई। जांच में सामने आया कि अनुभव ने सेटिंग में जाकर टाइमर लगाया। इस वजह से ईमेल आटोमेटिक अगले दिन पांच नवंबर को सुबह 8:50 बजे महेंद्र कुमार के नाम से न्यायाधीश के पास चला गया।
पुलिस ने छानबीन की तो अनुभव मित्तल की करतूत सामने आई। इसके बाद जेल चौकी इंचार्ज अरविंद कुमार ने गोसाईंगंज थाने में अनुभव मित्तल और सिपाही अजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। जेल प्रशासन ने भी जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार को जेल के अधिकारियों ने छानबीन भी की। इस मामले में डीआईजी जेल डॉ. रामधनी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
हत्या के मामले में बंद आरोपी को फंसाने की थी साजिश
कैंपबेल रोड ठाकुरगंज निवासी आनंदेश्वर अग्रहरि पत्नी की हत्या के आरोप में दिसंबर 2023 से जेल में बंद है। वह जेल अस्पताल में नर्सिंग (राइटर) का काम करता है। अनुभव की आनंदेश्वर से किसी बात को लेकर टेंशन चल रही है। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि अनुभव ने उसे फंसाने के लिए यह साजिश रची। महेंद्र कुमार के फर्जी नाम से उसने ईमेल में लिखा कि जेल में बंद आनंदेश्वर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है। वह कई गलत कामों में लिप्त है। उसने लखनऊ बेंच में जमानत के लिए अर्जी दी थी।दो बार जमानत अर्जी निरस्त हो चुकी है। इससे वह नाराज है। जमानत अर्जी खारिज करने वाले लखनऊ बेंच के जज की हत्या की साजिश रच रहा है। इसके लिए उसने दो बंदियों को जिला अस्पताल में भर्ती भी कराया था। दोनों कुछ दिन पहले रिहा हो गए हैं। इसलिए आनंदेश्वर के क्रियाकलापों की जांच कराई जाए।अनुभव पर दर्ज हैं 324 मुकदमेअनुभव मित्तल पर 3700 करोड़ घोटाले के मामले में कुल 324 मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी की पत्नी आयुषी व पिता सुनील मित्तल भी आरोपी हैं और जिला जेल में बंद हैं। अनुभव मित्तल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। वह फरवरी 2017 से जेल में बंद है।



