यूपी को हरित प्रदेश बनाने की पहल के मद्देनजर एक से सात जुलाई के बीच पैदा होने वाले बच्चों को पौधे दिए जाएंगे।

यूपी को हरित प्रदेश बनाने की पहल के मद्देनजर एक से सात जुलाई के बीच पैदा होने वाले बच्चों को पौधे दिए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने हरित प्रदेश बनाने के लिए नई पहल की है। इस वर्ष एक से सात जुलाई तक जन्म लेने वाले बच्चों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ पौधे भी दिए जाएंगे। यह पौधे यूपी के सभी जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चों को दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए वन विभाग इसे मूर्त रूप देगा। इसका उद्देश्य नवजात के जीवन को खुशहाल बनाने के साथ प्रदेश में हरियाली बढ़ाने, परिवार को पौध लगाने व संरक्षित करने के लिए प्रेरित करना है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक व विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि इस मानसून सीजन में प्रदेश में 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। सर्वाधिक पौधरोपण का लक्ष्य लखनऊ मंडल को दिया गया है। इस बार त्रिवेणी वन की स्थापना और संरक्षण पर सरकार का जोर है। साथ ही महापुरुषों के नाम पर भी वन वाटिका लगाई जाएगी। सबसे ज्यादा पौधे शीशम व सागौन प्रजाति के लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नवजात को उपहार स्वरूप पौधा देना बच्चे के जीवन में समृद्धि व विकास का परिचायक है।
इसी के अनुरूप पहली से सात जुलाई (वन महोत्सव) की अवधि में जन्मे नवजात शिशुओं को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ एक पौधा भेंट के रूप में दिया जाएगा। एक से सात जुलाई तक जन्मे बच्चों को वनाधिकारी द्वारा जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पतालों में जाकर जो सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा, उसे ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट नाम दिया गया है। भेंट स्वरूप सागौन, शीशम समेत इमारती प्रजाति के पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। अभिभावकों को खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के संबंध में जानकारी दी जाएगी।