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मा मुख्यमंत्री जी से गोण्डा के MDM माफिया गणेश गुप्त के विरुद्ध STF से जांच कराने की उठाई मांग

मा मुख्यमंत्री जी से गोण्डा के MDM माफिया गणेश गुप्त के विरुद्ध STF से जांच कराने की उठाई मांग
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गोण्डा के मध्यान्ह भोजन योजना के जिला समन्यवक श्री गणेश गुप्त की शिकायत मा मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से करते हुए उनके द्वारा अवैध रूप से कमाई गई करोड़ो की सम्पत्ति की जांच STF से कराते हुए आय से अधिक अर्जित की गई सम्पति के विरुद्ध FIR कराने की मांग की गई है। वहीं शासन के अपर मुख्य सचिव, (बेसिक एवं माध्यमिक एवं शिक्षा), महानिदेशक स्कूल शिक्षा तथा शिक्षा निदेशक (बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा) को भी शिकायती पत्र भेजकर श्री गणेश गुप्त को जिला समन्यवक पद से तत्काल हटाने की मांग हुई है। हकीकत यह है श्री गणेश गुप्त गोण्डा जनपद में मध्यान्ह भोजन योजना के कोऑर्डिनेटर के रूप में विगत 20 वर्षो से निरंतर कार्यरत हैं। और उन्होंने ने प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों से अवैध धन उगाही कनेक गिरोह बनाकर अंधाधुंध लूट कर रहे हैं। श्री गणेश गुप्त ने गोण्डा से लेकर लखनऊ तक लगभग 100 करोड़ से अधिक चल अचल संपत्ति खरीद रखा है। वर्तमान समय मे गोण्डा के 42 ऐडेड मध्यमिक, 21 ऐडेड संस्कृत माध्यमिक 8 राजकीय इंटर कॉलेज, तथा 20 विद्यालय राजकीय हाइस्कूल स्तर तक संचालित है जिनमे विगत कई महीनों से कन्वर्शन कॉस्ट तथा राशन ना मिलने से मध्यान्ह भोजन योजना बंद पड़ी है। जिन विद्यालयों से गणेश गुप्त को मोटी रकम मिल जाती है उन विद्यलयो को आवश्यकता से अधिक सरप्लस राशन तथा कन्वर्शन कॉस्ट भेज दिया जाता है। यही नही उन्होंने जनपद में शिक्षा विभाग से ही कई दलाल पाल रखा है वही धन उगाही में सहयोग करते हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि गोण्डा मुख्यालय पर संचालित एक मात्र अल्पसंख्यक संस्था जिगर मेमोरियल इंटर कॉलेज के बच्चों को योजना लागू होने की तिथि 15 अगस्त1995 से आजतक मध्यान्ह भोजन का लाभ नहीँ मिल सका है और शायद प्रदेश की यह पहली संस्था होगी जहाँ आजतक मध्यान्ह भोजन योजना लागू ही नही हुई। जिसके लिये प्रत्यक्ष रूप से दोषी MDM माफिया श्री गणेश गुप्त ही हैं। उक्त के संबंध में आज गोण्डा की सबसे न्यायप्रिय मुख्य विकासअधिकारी से मिलकर श्री गणेश गुप्त के काले कारनामो को उजागर करते हुए उन्हें तत्काल जिला समन्यवक पद से हटाकर किसी अन्य को प्रभार देने की मांग की गई है। और गणेश गुप्ता द्वारा कमाई जा रही अवैध सम्पति में जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की भी अच्छी हिस्सेदारी रहती है l

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