फतेहपुर : ग्राम रोजगार सेवक महराज व सचिव के द्वारा विकास के नाम पर सरकारी धन का किया गया बंदरबांट

ग्राम रोजगार सेवक महराज व सचिव के द्वारा विकास के नाम पर सरकारी धन का किया गया बंदरबांट
ग्राम पंचायत में नहीं हुआ विकास कार्य,कागजों में दौड़ रहा विकास
ग्राम पंचायत के विकास की जमीनी हकीकत बयां कर रही वर्तमान तस्वीरें,सरकारी कागजों में दिखाई दे रहा विकास
अकूत संपत्ति हासिल कर शहर के अंदर बनाई गई आलीशान कई करोड़ की कोठी और लक्जरी कार अगर हो जांच तो कई आ सकते हैं कानून के घेरे पर
सरकारी धन के किए गए बंदरबांट पर कार्यवाही हेतु आयोग को भेजा जा सकता है बहुत जल्द पत्र
फतेहपुर जिले में ग्राम पंचायतों के अंदर विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अपने कार्यालय से बाहर निकल कर *ग्राम पंचायत में हुए कार्यों की जांच के लिए बाहर नहीं निकल पाते हैं,अच्छा निकले भी क्यों जब सरकार के द्वारा कार्यालय के अंदर इतनी जो सुख सुविधाएं दी गई हैं तो फिर महोदय जी उन सुख सुविधाओं से मोह माया कैसे हटा सकते हैं।खैर छोड़िए यह तो अधिकारियों का काम ही है……..हम बात करें मुख्य बिंदु की
विकास के नाम पर सरकारी धन का हुआ बंदरबांट
जिले के विकास खंड असोथर क्षेत्र के कोर्रा गांव में ग्राम रोजगार सेवक महाराज के द्वारा ग्राम पंचायत के अंदर विकास कार्य के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट इस कदर किया गया कि विभागीय अधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं हुई।हालांकि हो भी क्यों जब महोदय जी जानकारी करने की कोशिश भी नहीं करते इसलिए ग्राम विकास अधिकारी विकास के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर दी जा रही है।
अकूत संपत्ति हासिल कर शहर में बनाया आलीशान मकान
वहीं हम बात करें तो ग्राम विकास अधिकारी एवं रोजगार सेवक महाराज जी के द्वारा ग्राम पंचायतों में विकास के नाम फर्जी पेमेंट कई फर्मों से निकाला गया है और आवासों में सर्वे और आवास देने के नाम पर नगद वसूली की जा रही है और बहुत सारे जॉब कार्ड बनाकर उसमें से पैसा उन लोगो के खाते में डालकर निकला गया है और मिट्टी पुराई के नाम पर सरकारी पैसे का गबन कर जितनी भी अकूत संपत्ति हासिल की गई है उस अकूत संपत्ति से इन लोगों के द्वारा शहर में आलीशान मकान बना लिया गया है और ग्राम पंचायत में विकास कार्य नहीं कराया गया
बहुत जल्द खुलेगी ग्राम पंचायत कोर्रा के रोजगार सेवक महराज और सचिव के किए गए ग्राम पंचायत में घोटाले का राज
आयोग को पत्र भेजकर की जाएगी शिकायत
वहीं संबंधित मामले पर जानकारी प्राप्त हुई कि जिले में एक सक्रिय संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग को एक पत्र भेजकर शिकायत की जा सकती है और इसकी जांच कराकर भ्रष्टाचार में शामिल सभी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा सकती है।
हालांकि संबंधित मामले पर जिलाधिकारी के द्वारा एक गोपनीय टीम गठित कर इस ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अगर सही से जांच करवा ली जाए तो भ्रष्टाचार में लिप्त कई कर्मचारी भी कानून के दायरे में आ सकते हैं और उनके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है
Balram Singh
India Now24