फतेहपुर : असोथर नगर पंचायत में भ्रष्टाचार की परतें खुलीं, नियमों को दरकिनार कर चल रहा बड़ा खेल

फतेहपुर : असोथर नगर पंचायत में भ्रष्टाचार की परतें खुलीं, नियमों को दरकिनार कर चल रहा बड़ा खेल
फतेहपुर जनपद की नवगठित असोथर नगर पंचायत में सरकारी कामकाज में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो यहां एसओपी की गाइडलाइनों को पूरी तरह दरकिनार कर मनमानी की जा रही है।
नगर विकास विभाग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, 10 लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए तकनीकी समिति (Technical Committee) से पूर्व स्वीकृति (Approval) अनिवार्य होती है, लेकिन असोथर नगर पंचायत में इन नियमों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
बिना टेक्निकल अप्रूवल के करोड़ों के काम!
शासन की तय व्यवस्था के अनुसार, किसी भी बड़े कार्य को शुरू करने से पहले जेई (J.E.), एई (A.E.) और सीटीओ (CTO) की तकनीकी टीम से अनुमति ली जानी चाहिए, लेकिन असोथर में बिना किसी तकनीकी मंजूरी के करोड़ों के काम करा दिए गए।
विशेष रूप से नगर पंचायत के गठन के बाद से करोड़ों की लाइटों की खरीद की गई है, लेकिन इन लाइटों की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं—आखिर इतनी बड़ी संख्या में खरीदी गई लाइटें गई कहां?
टेंडर प्रक्रिया में भी भारी गड़बड़ी
सूत्रों का कहना है कि कार्यों के टेंडर तय मूल्य से दो से तीन गुना बढ़ाकर पास किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, कई ठेकेदारों से 40 प्रतिशत तक का कमीशन वसूला जा रहा है। यह सारा खेल योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जहां सरकारी कामों में कमीशनखोरी एक खुला व्यापार बन चुका है।
“अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता”
नगर पंचायत में जनहित की बजाय व्यक्तिगत स्वार्थ की नीति पर काम हो रहा है। जनता के टैक्स से जुटाई गई राशि को नियमों की अनदेखी कर खर्च किया जा रहा है, जिससे शासन की मंशा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ईओ के पास दो नगर पंचायतों का चार्ज
चौंकाने वाली बात यह भी है कि असोथर नगर पंचायत के साथ-साथ खखरेरू नगर पंचायत का भी अतिरिक्त प्रभार एक ही ईओ के पास है। ऐसे में दोनों जगहों पर हो रहे कामों की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर संदेह खड़े हो रहे हैं।अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस पूरे मामले की जांच कर जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई करता है या फिर भ्रष्टाचार की यह गाड़ी यूं ही बेलगाम दौड़ती रहेगी।
Balram Singh
India Now24