प्रयागराज से विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला

प्रयागराज से विधायक पूजा पाल को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी से निकाला
लखनऊः कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को विधानसभा में सीएम योगी की तारीफ करना भारी पड़ गया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. गुरुवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान पूजा पाल ने सीएम योगी के कानून व्यवस्था की तारीफ की थी. पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके बाई अशरफ पर था. पूजा पाल ने विधानसभा में कहा ता कि मेरे पति के हत्यारों को सजा देकर सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया है.
पूजा पाल का आया बयानपार्टी से निकाले जाने के बाद पूजा पाल ने कहा, ‘मैंने एक अपराधी भू माफिया अतीक अहमद के खिलाफ बोला इसीलिए मुझे समाजवादी पार्टी से निकाला गया. मैंने सदन में अतीक अहमद के खिलाफ बोला इसीलिए मुझे पार्टी से निकाला गया. मुझे पहले ही पार्टी से निकाल सकते थे. पीडीए की बात करते तो दो साल पहले जबउमेश पाल की हत्या हुई तो वो भी पीडीए से आते थे. मेरे पति भी पीडीए से थे. मैं भी पीडीए से ही हूं. असद का एनकाउंटर हुआ तो सबसे ज्यादा तकलीफ इन्हीं लोगों को हुई. पीडीए के पीड़ित के साथ हैं या अपराधियों के साथ हैं. आप पीडीए के साथ नहीं अपराधियों के साथ हैं. मैंने सिर्फ सदन में मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद दिया था.मैं पहली बार बोली थी, मैं अपने बारे में कुछ बोलना चाहती थी. सही काम करने वाले को मैंने धन्यवाद ही तो दिया था. अखिलेश जी समय को देख कर बात करते हैं. पीडीए को देखकर नहीं.
अखिलेश यादव ने साधा निशानाअखिलेश यादव ने पूजा पाल के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबसे अच्छा ये था कि उनको पहले अपनी टिकट पक्की करा लेनी चाहिए थी. मुझे उम्मीद है कि अपनी (सीएम योगी) टिकट के साथ-साथ उनकी टिकट भी पक्की करा लेंगे. अगर बीजेपी पहले उनको टिकट दे दी होती तो हमें टिकट नहीं देनी होती.
पार्टी ने पूजा पाल को जारी किया लेटरपार्टी की तरफ से एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें लिखा है, ‘आपके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियां की गई हैं तथा आपको सचेत करने के उपरांत भी उक्त गतिविधियां आपके द्वारा बंद नहीं की गई, जिसके कारण पार्टी को काफी नुकसान हुआ है. आपके द्वार किया गया कार्य पार्टी विरोधी एवं गंभीर अनुशासनहीनता है. अतः आपको समाजवादी पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है. साथ ही आपको समाजवादी पार्टी के सभी अन्य पदों से भी हटाया जाता है तथा अब आप समाजवादी पार्टी के किसी भी कार्यक्रम व मीटिंग आदि में भाग नहीं लेंगी और न ही आपको इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा.’
पहले से अलग-थलग चल रही थीं पूजा पालबता दें कि पूजा पाल राज्यसभा चुनाव के बाद से ही समाजवादी पार्टी से अलग-थलग चल रही थीं. राज्यसभा चुनाव में पूजा पाल समेत ने 8 विधायकों से सपा से बगावत कर भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इन 8 विधायकों में से चार को समाजवादी पार्टी पहले ही निकाल चुकी थी. बता दें कि साल 2005 में पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या कर दी गई थी.