प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क अधूरी — दो साल बाद भी नहीं हुआ निर्माण पूरा!

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़क अधूरी — दो साल बाद भी नहीं हुआ निर्माण पूरा!
सर्वदलीय तहसील विकास समिति ने अधिशासी अभियंता से की वार्ता, 15 दिन में कार्य शुरू न होने पर आंदोलन की चेतावनी
जखनियां/गाज़ीपुर।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत रायपुर–जाही मार्ग (लंबाई लगभग 8 किलोमीटर) का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। सड़क निर्माण का कार्य वर्ष 2023 में पूरा हो जाना चाहिए था, परंतु विभागीय उदासीनता और ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह परियोजना अब तक लंबित है।जानकारी के अनुसार, इस सड़क का निर्माण कार्य सी.एल. गुप्ता एंड संस, प्रयागराज को सौंपा गया था। लेकिन सड़क के बीच कई स्थानों पर काम अधूरा छोड़ दिया गया है। संबंधित विभाग के अनुसार, मरम्मत की तिथि 28 अक्टूबर 2028 निर्धारित की गई है, और तब तक टूट-फूट की स्थिति में मरम्मत की जिम्मेदारी यही ठेकेदार वहन करेगा।सर्वदलीय तहसील विकास एवं जन कल्याण संघर्ष समिति, जखनिया के अध्यक्ष देवनारायण सिंह ने अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (PIU), गाज़ीपुर से मुलाकात की और मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की।अधिशासी अभियंता श्री पुनीत पटेल ने आश्वासन दिया कि “सड़क के छोड़े गए हिस्सों पर आगामी 15 दिनों में कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा और निर्माण जल्द पूरा किया जाएगा।”देवनारायण सिंह ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर कार्य शुरू नहीं हुआ, तो समिति द्वारा धरना, प्रदर्शन, अनशन और सड़क जाम जैसे आंदोलनात्मक कार्यक्रम किए जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।वार्ता के दौरान समिति के मीडिया प्रभारी सर्वानंद चौबे, विशिष्ट सदस्य शंभू सिंह यादव, सचिव धर्मेंद्र चतुर्वेदी, राम रतन राम, अरुण कुमार लाल, अमित कुमार पांडेय, मोहन राजभर, अच्छेलाल कनौजिया, पुर्नवासी साहनी आदि सदस्य उपस्थित रहे।देवनारायण सिंह ने बताया कि अधिशासी अभियंता ने मशीनरी और लेबर की अनुपलब्धता का हवाला दिया — “छठ पर्व के कारण श्रमिक कार्य पर नहीं लौटे, अब अन्य सड़कों पर काम शुरू है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि “अब अधिशासी अभियंता पुनीत पटेल मोबाइल रिसीव नहीं कर रहे हैं,” जिससे विभागीय संवेदनशीलता पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि “अब हम लोग जिलाधिकारी, गाज़ीपुर को ज्ञापन (पत्रक) सौंप रहे हैं और सभी दलों से संवाद कर सर्वदलीय धरना-प्रदर्शन की तिथि तय करेंगे।”



