नई तकनीकी राफेलो द्वारा शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में सर्जरी की कार्यशाला हुई

नई तकनीकी राफेलो द्वारा शाही ग्लोबल हॉस्पिटल में सर्जरी की कार्यशाला हुई
गोरखपुर
राफेलो मतलब रेडियो फ्रीक्वेंसी अबलेजन , रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग अभी तक दुश्मन के रडार तथा फाइटर जेट को गिराने का काम करता था। लेकिन युद्ध के मैदान से यह विधि चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश करके तहलका मचाई हुई है . डेढ़ साल पहले यूरोपियन देश तथा यूके द्वारा इस विधि का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में विकसित करके किया गया था। धीरे धीरे यह नई एडवांस और सफल तकनीकी भारत वर्ष में आई और आज उत्तर प्रदेश में अपना कद्म रख दिया है। पूर्वांचल के सुप्रसिद्ध चिकित्सालय शाही ग्लोबल हॉस्पिटल जो हमेशा नई तकनीकी, नई विधाओं द्वारा आम जन मानस को लाभ दिलाने में मदद करता है में आज इस विधि द्वारा 10 ऑपरेशन किए गए. इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ़ सर्जन ऑफ़ इंडिया गोरखपुर के वरिष्ठ चिकित्सकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया . मुख्य रूप से डॉ एके सिंह, डॉ जेपी जायसवाल (लाइफ केयर हॉस्पिटल के निदेशक) डॉक्टर आशीष खेतान (फातिमा हॉस्पिटल के सर्जन) डॉ॰ नीलम यादव (प्लास्टिक सर्जन समीक्षा हेयर ट्रांसप्लांट , कॉस्मेटिक एंड इनफर्टिलिटी सेन्टर) के साथ शहर के सम्भ्रांत विशिष्ट तथा अति विशिष्ट चिकित्सक उपस्थित थे। रेडियो फ्रीक्वेंसी अवलेजन द्वारा बवासीर के साथ-साथ भकंदर, फिशुला, फिसर बेरिकोज़ बेन व अन्य ऑपरेशन अच्छी और सफलतापूर्वक किए जाते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में गोरखपुर के चिकित्सक एक अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए यहाँ के चिकित्सक हमेशा नई नई विधाओं नई नई तकनीकों से अवगत रहते हैं और यहां के मरीजों का सस्ते से सस्ता और अच्छा से अच्छा इलाज करने में सफल रहते हैं।
धन्यवाद
डॉ शिव शंकर शाही
शाही ग्लोबल हॉस्पिटल तारामंडल गोरखपुर