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लखनऊ छह महीने बाद भी 20,000 स्कूली बच्चों को नहीं मिला यूनिफार्म व गर्म कपड़े के पैसे

लखनऊ छह महीने बाद भी 20,000 स्कूली बच्चों को नहीं मिला यूनिफार्म व गर्म कपड़े के पैसे

लखनऊ के परिषदीय स्कूलों के करीब 20,000 बच्चों को छह महीने बाद भी यूनिफॉर्म और गर्म कपड़ों के लिए मिलने वाली DBT राशि नहीं मिल पाई है। आधार लिंक न होने और विभागीय लापरवाही के कारण माता-पिता बच्चों का सामान तक नहीं खरीद पा रहे हैं।

लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग की जटिल व्यवस्था और प्रशासन की लापरवाही से राजधानी के परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले करीब 20 हजार बच्चों को अभी भी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) का इंतजार है। छह महीने से इंतजार में बैठे अभिभावक स्कूली बच्चों के लिए यूनिफार्म और गर्म कपड़े तक नही खरीद पा रहे हैं। विभाग की लचर व्यवस्था से बच्चे पुराने कपड़े में ही स्कूल जाने को मजबूर हैं।

जिला बेसिक शिक्षा विभाग को नोटिस जारी करते हुए शिक्षा निदेशालय ने चिंता जाहिर की है। विभाग के अनुसार, शैक्षिक सत्र 2025-26 में परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के छात्र-छात्राओं को डीबीटी की धनराशि देने की योजना है। लेकिन, छह महीने बाद भी राजधानी सहित लखनऊ मंडल में बड़ी संख्या में बच्चों को इस योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है।

विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जांच में पाया गया कि जिले के विभिन्न स्तरों पर छात्र-छात्राओं के लंबित डाटा के सत्यापन, अग्रसर की प्रक्रिया में लापरवाही की जा रही है। इतना ही नहीं, छात्र-छात्राओं के माता, पिता व अभिभावकों के बैंक खाते आधार से सीडेड नहीं है।

बैंक खाता आधार से सीड कराने और खाता सक्रिय न होने की वजह से डीबीटी की धनराशि नहीं पहुंच पा रही है। ठंड का मौसम है, ऐसे में डीबीटी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को धनराशि भेजना जरूरी है, जिससे की बच्चों की यूनीफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग व स्टेशनरी की खरीदारी हो सके।

आधार की जटिल व्यवस्था, 5000 अभिभावकों बैंक खाता सक्रिय नहीं

शिक्षा निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के 1600 से अधिक परिषदीय विद्यालयों में 1.56 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इनमें डीबीटी का लाभ न मिलने वाले 20,000 बच्चों में से करीब 5,000 अभिभावकों के बैंक खाता आधार से नहीं जुड़ा है, इसकी वजह से उन्हें डीबीटी का लाभ नहीं मिला। इतना ही नहीं, जिला बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से करीब 200 बच्चों की डीबीटी की धनराशि रोकी गई है।

अभिभावकों के बैंक खाते से नहीं जुड़ा है आधार कार्ड

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि राजधानी के परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को डीबीटी की धनराशि भेजी जा चुकी है। कुछ अभिभावकों के बैंक खाता से आधार कार्ड नंबर न जुड़ने की वजह डीबीटी धनराशि न मिलने की जानकारी मिली है। आधार कार्ड व अन्य का सत्यापन कर जल्द ही बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी की राशि भेजी जाएगी।

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