लखनऊ शिक्षामित्रों के बहिष्कार के बीच स्कूलों में समर कैंप शुरू, महानिदेशक ने बच्चों संग खेला क्रिकेट

लखनऊ शिक्षामित्रों के बहिष्कार के बीच स्कूलों में समर कैंप शुरू, महानिदेशक ने बच्चों संग खेला क्रिकेट
यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समर कैंप का शुभारंभ हो गया है। इस मौके पर शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बच्चों के साथ क्रिकेट खेला।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गर्मियों की छुट्टियों के बीच समर कैंप की शुरुआत बुधवार को हुई। समर कैंप की शुरुआत बक्शी का तालाब स्थित सरैया उच्च प्राथमिक विद्यालय से स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने की। इस दौरान स्कूल में बच्चों ने आर्ट, योग, नृत्य, गीत संगीत व खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की। लखनऊ के अलग अलग उच्च व कंपोजिट सरकारी स्कूलों में समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक श्याम किशोर तिवारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामप्रवेश, खंड शिक्षा अधिकारी प्रीति शुक्ला मौजूद रहे।
नैनिहालों को पारंपरिक लोकनृत्य और कलाओं में पारंगत करने का उद्देश्य- महानिदेशकइस बारे में अमर उजाला से बातचीत में शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने कहा कि समर कैंप का उद्देश्य है कि पढ़ाई के साथ साथ नैनिहालों को पारंपरिक लोकनृत्य और कलाओं में पारंगत किया जाए। उन्होंने कहा की खेल-खेल में नौनिहालों का कौशल भी निखरेगा। उन्होंने कहा ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) में कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। 15 जून तक सुबह सात बजे से सुबह 10:30 बजे तक चलने वाली पाठशाला के संचालन की जिम्मेदारी अनुदेशकों और शिक्षा मित्रों को दी गई है। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहयोग करेंगे।
बता दें कि 21 मई से 10 जून तक चलने वाले समर कैंप को लेकर शिक्षामित्रों ने बहिष्कार की चेतावनी दी थी। समर कैंप में बच्चों को मौसमी फल, खीरा, ग्लूकोज बिस्किट, मूंगफली दाना वाली नमकीन भी दी जाएगी।
समर कैंप हर दिन होंगे ये कार्यक्रम-योग व फिटनेस।-फिटनेस के लिए दौड़, बाधा रेस।-लोक नृत्य की प्रस्तुति समूह में क्षेत्रीय नृत्य का अभ्यास।-पारंपरिक परिधान दिवस विविध सांस्कृतिक परिधानों का प्रदर्शन-लोककथाएं सुनाना और प्रसिद्ध लोककथाओं का अभिनय।-हस्तशिल्प कला मिट्टी/कागज से पारंपरिक वस्तुएं बनाना।-वरिष्ठ नागरिकों से संवाद।-डिजिटल कौशल और स्मार्ट कक्षा गतिविधियां।-स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ाई की जानकारी।-विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति-पौधारोपण और उनकी टैगिंग।-पुस्तकालय गतिविधियों और समूह पठन सत्र।-संगीत एवं नृत्य गायन, ताल वादन और क्षेत्रीय नृत्य अभ्यास।-कठपुतली निर्माण और कहानी प्रस्तुति समूहों में मिलकर नाटक प्रस्तुत करना।-बच्चों में उनकी रुचि के अनुरूप विधाओं को रचनात्मक तरीके से विकसित किया जाएगा।-विद्यार्थियों के अंदर आत्मविश्वास और जीवन कौशल का विकास होगा।-शिक्षक-विद्यार्थियों के बीच आत्मीय संबंध बढ़ेगा और सामुदायिक सहभागिता में भी बढ़ोतरी होगी।-बच्चों में सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी।- खेलकूद, कला, विज्ञान और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।