गोरखपुर शहर में 650 से अधिक अस्पतालों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए नगर निगम ट्रीटमेंट प्लांट बनाने जा रहा है. यह प्लांट इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में बनेगा

गोरखपुर शहर में 650 से अधिक अस्पतालों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए नगर निगम ट्रीटमेंट प्लांट बनाने जा रहा है. यह प्लांट इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में बनेगा
गोरखपुर में मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. नगर निगम जल्द ही एक अत्याधुनिक बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने जा रहा है, जिससे न केवल शहर बल्कि आसपास के 8 नगरों का खतरनाक मेडिकल कचरा भी वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जा सकेगा.अभी तक बीआरडी मेडिकल कॉलेज और एस जैसे बड़े अस्पतालों के पास अपने वेस्ट निस्तारण के लिए मशीनें और प्लांट हैं, लेकिन शहर के करीब 650 से अधिक प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के कचरे को सुरक्षित तरीके से डिस्पोज़ करना एक चुनौती बनी हुई थी.
अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में इस्तेमाल की गई सिरिंज, सुई, ग्लव्स, दवाइयां और पट्टियों को अभी तक सामान्य कचरे के साथ फेंक दिया जाता था, जिससे स्थानीय पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों पर खतरा बना रहता था.फिलहाल एकमात्र निजी प्लांट खलीलाबाद में है, जो बढ़ते दबाव को संभालने में सक्षम नहीं है. ऐसे में नगर निगम ने निर्णय लिया है कि सहजनवां क्षेत्र के सुथनी गांव में बन रही इंटीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में यह नया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा. यह एक मॉडर्न सुविधा होगी, जो गोरखपुर समेत अन्य शहरों का भी बायोमेडिकल वेस्ट संभालेगी.
50 किलोमीटर के दायरे में दूसरा प्लांट2022 में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 50 किलोमीटर के दायरे में दूसरा प्लांट न लगाने की बाध्यता हटने के बाद नगर निगम को यह सुविधा शुरू करने की अनुमति मिली. नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार, इससे न केवल शहर को स्वच्छता मिलेगी बल्कि आर्थिक रूप से भी लाभ होगा. साथ ही, प्लांट में छात्रों को भी वेस्ट मैनेजमेंट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.