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छत्तीसगढ़ : बलरामपुर जिले में पत्रकारों का जिला स्तरीय कार्यक्रमों व जनसम्पर्क की ख़बरों से अनिश्चितकालीन बहिष्कार

बलरामपुर जिले में पत्रकारों का जिला स्तरीय कार्यक्रमों व जनसम्पर्क की ख़बरों से अनिश्चितकालीन बहिष्कार

शैलेंद्र कुमार द्विवेदी
इंडिया नाऊ २४
छत्तीसगढ़

बलरामपुर जिले के पत्रकारों ने प्रशासनिक उपेक्षा और सम्मान की कमी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। जिले के दोनों सक्रिय प्रेस क्लब और पत्रकार कल्याण संघ— जो वर्षों से जनहित के मुद्दों को उजागर करने और शासन-प्रशासन की गतिविधियों को आम जनता तक पहुंचाने का कार्य करते आ रहे हैं — ने आज से जिला स्तरीय सभी कार्यक्रमों एवं जनसम्पर्क से जुड़ी खबरों के अनिश्चितकालीन बहिष्कार की घोषणा की है।

क्या है पत्रकारों की नाराजगी का कारण?

पत्रकारों का कहना है कि हाल के दिनों में जिला प्रशासन द्वारा समाचार संकलन में सहयोग नहीं किया जा रहा है। खबरों को संकलित करने के बाद जब पत्रकारों द्वारा अधिकारिक बयान लिए जाने की कोशिश की जाती है, तो अधिकारी जवाब देने से कतराते हैं। यदि कोई अधिकारी बयान दे भी देता है, तो उन्हें बाद में टी.एल. (Time Limit) मीटिंग में कलेक्टर द्वारा सार्वजनिक रूप से डांट-फटकार का सामना करना पड़ता है, जिससे अधिकारी भी मीडिया से दूरी बना लेते हैं।

इसके साथ ही पत्रकारों ने यह भी शिकायत की है कि जिला स्तरीय सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया जाता। आयोजन में आमंत्रण, बैठने की व्यवस्था या मंच से सम्मान जैसी मूल बातों को भी नज़रअंदाज़ किया जाता है।

भौगोलिक चुनौती और व्यावहारिक समस्याएँ

बलरामपुर जिला आदिवासी बाहुल्य और दूर-दराज़ के क्षेत्रों से घिरा हुआ है। एक पत्रकार जब जिला मुख्यालय किसी खबर की कवरेज या सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने आता है, तो उसका पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। इसके साथ ही आने-जाने का खर्च, समय और शारीरिक थकान भी पत्रकारों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरती है।

प्रेस क्लबों की संयुक्त कार्रवाई

इन समस्याओं को लेकर जिले के दोनों प्रेस क्लबों के पदाधिकारी एवं सदस्य एकजुट हो गए हैं। उन्होंने संयुक्त रूप से घोषणा करते हुए कहा है:

> “जिला प्रशासन की उदासीनता, पत्रकारों के साथ लगातार हो रहे अपमान और अधिकारिक सहयोग की कमी को देखते हुए हम आज दिनांक से जिला स्तर के सभी कार्यक्रमों और जनसम्पर्क की खबरों का अनिश्चितकालीन बहिष्कार करते हैं।”

प्रेस क्लबों ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्णय तब तक जारी रहेगा, जब तक जिला प्रशासन पत्रकारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार और सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाता।

प्रशासन की चुप्पी

इस मुद्दे पर अभी तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यदि प्रेस क्लबों की मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसका प्रभाव जिला स्तर की सरकारी योजनाओं, कार्यक्रमों और आम जनता तक सूचनाओं के संप्रेषण पर साफ़ दिख सकता है।

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