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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे : अंतरराष्ट्रीय कसौटी पर खरा 20 को सीएम योगी करेंगे उद्घाटन

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे : अंतरराष्ट्रीय कसौटी पर खरा 20 को सीएम योगी करेंगे उद्घाटन

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का 20 जून को मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन कराने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। जैतपुर के पास भगवानपुर टोल प्लाजा के सामने कार्यक्रम स्थल पर तैयारियां चल रही हैं। गोरखपुर व आसपास के जिलों के लोग इस एक्सप्रेस-वे को लेकर काफी उत्साहित हैं।

लखनऊ-दिल्ली की राह आसान करने वाले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे की राइडिंग क्वालिटी (गाड़ी चलाने की गुणवत्ता) और राइडिंग कंफर्ट (आराम) विश्वस्तरीय है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने स्विट्जरलैंड की ईटीएच यूनिवर्सिटी की तकनीक और उपकरणों से इसका टेस्ट कराया, जिसमें यह सड़क अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मानी गई है।

अब इस तकनीक का इस्तेमाल निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे में किया जा रहा है। जल्द ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की भी इस तकनीक व उपकरण से जांच कराई जाएगी। अगर कहीं कोई कमी मिली तो सुधार कराया जाएगा। ऐसा होने पर सड़क पर होने वाले हादसों में कमी आएगी।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का 20 जून को मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन कराने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। जैतपुर के पास भगवानपुर टोल प्लाजा के सामने कार्यक्रम स्थल पर तैयारियां चल रही हैं। गोरखपुर व आसपास के जिलों के लोग इस एक्सप्रेस-वे को लेकर काफी उत्साहित हैं।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की ओर से इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन चलाने के दौरान होने वाली सुविधा व सुरक्षा मानकों की जांच के लिए नया प्रयोग किया गया है।

इसके लिए वाइब्रेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित ईटीएच यूनिवर्सिटी ज्यूरिख स्विट्जरलैंड और इसी यूनिवर्सिटी की स्वतंत्र कंपनी (स्पिन ऑफ कंपनी) आरटीडीटी लैबोरेटरी एजी की तकनीक और उपकरणों के इस्तेमाल से सड़क की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया।वाइब्रेशन टेक्नोलॉजी एंड एक्सीलरोमीटर बेस्ड 7 सेंसर (4 राइडिंग क्वालिटी और 3 राइडिंग मोशन के लिए), एस मोशन सेंसर, मिजरमेंट और डाटा कलेक्शन के आवश्यक उपकरण इनोवा वाहन में स्थापित किए गए। अब यूपीडा इस तकनीक का प्रयोग गंगा एक्सप्रेस-वे की सिक्सलेन पर निर्माण के दौरान ही कर रहा है, ताकि सड़क की गुणवत्ता उच्चस्तरीय बनी रहे।इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की राइडिंग क्वालिटी व राइडिंग कंफर्ट में आवश्यक सुधार के लिए भी इस तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा।

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