गोरखपुर में ‘विरासत गलियारे’ में ज़मीन-मकान का मुआवज़ा सहमति से नहीं बल्कि बाज़ार की क़ीमत के हिसाब से देना चाहिए।_आखिलेश यादव

गोरखपुर में ‘विरासत गलियारे’ में ज़मीन-मकान का मुआवज़ा सहमति से नहीं बल्कि बाज़ार की क़ीमत के हिसाब से देना चाहिए।_आखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर के दौरे के दौरान, उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व वरिष्ठ समाजवादी नेता श्री माता प्रसाद पांडेय एवं श्री लाल बिहारी यादव पर असामाजिक तत्वों का हमला घोर निंदनीय है।
अखिलेश यादव ने कहा कि यदि लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के जनसंपर्क एवं जन समस्याओं की सुनवाई पर सत्ता संरक्षित अराजकतत्वों तत्वों द्वारा प्राणघातक प्रहार होगा तो ये अराजकता का राज ही कहलाएगा।
आरोपियों के विरुद्ध पक्षपातहीन कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो अन्यथा ये माना जाएगा कि ये ‘हाता नहीं भाता और पीडीए नहीं लुभाता का एक ऐसा प्रकरण है जिसके पीछे सोची-समझी साज़िश रची गयी थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर में ‘विरासत गलियारे’ में ज़मीन-मकान का मुआवज़ा सहमति से नहीं बल्कि बाज़ार की क़ीमत के हिसाब से देना चाहिए। सबको मालूम है जब ख़ुद की ज़मीन का मामला था तो अधिकतम संभव मूल्य पर मुआवज़ा वसूला गया और ज़मीन देने के नाम पर तथाकथित दयावान बनने की वाहवाही भी लूटी गयी। बाकी विवरण देने की आवश्यकता नहीं है, हर गोरखपुरवासी समझ रहा है कि बात कहाँ की और किसकी ज़मीन की हो रही है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि सच्चाई तो ये है कि ‘कॉरिडोर’ के नाम पर एक बहुत बड़ा भाजपाई लूट तंत्र सक्रिय है, जो तरह-तरह के बहाने करके आसपास के लोगों की ज़मीन औने-पौने दाम में ले लेता है और बाद में ऊँचे दामों में बेच देता है। इस खेल में कुछ गिने-चुने भाजपाई मलाई काट लेते हैं लेकिन स्थानीय जनता के हाथ खाली रह जाते हैं और वो अपने को ठगा महसूस करती है। इसीलिए अयोध्या और प्रयागराज में भाजपा लोकसभा हारी और बनारस में हारते-हारते बची। अब अगला नंबर मथुरा और गोरखपुर का है। भाजपाई उप्र को खोखला कर रहे हैं।