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गोरखपुर महिला का तीन बार बनवाया फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र, पिता-पुत्र के साथ नगर निगम कर्मियों पर केस दर्ज

गोरखपुर महिला का तीन बार बनवाया फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र, पिता-पुत्र के साथ नगर निगम कर्मियों पर केस दर्ज

आरोप है कि इसके बावजूद विपक्षियों ने तीसरी बार 11 अगस्त को उनकी मां के नाम से नया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। उनका आरोप है कि इस बार नगर निगम के सुपरवाइजर सहित संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से यह प्रमाण पत्र जारी हुआ है।

एम्स थाना क्षेत्र में महिला की मौत के बाद तीन बार फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर जमीन पर अवैध दावा करने का मामला सामने आया है। मूल निवासी देवरिया के रुद्रपुर सोनबह मुस्तकिल निवासी ओमप्रकाश यादव ने अपने पटीदार योगेंद्र प्रताप यादव व उसके पिता गया प्रसाद यादव पर नगर निगम कर्मियों की मिलीभगत से उनकी दिवंगत मां पुरनी देवी का तीसरी बार फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप लगाया है।कैंट पुलिस ने एसएसपी के निर्देश पर पिता-पुत्र और आरोपी नगर निगम कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी, षड़यंत्र समेत अन्य गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एम्स थाना क्षेत्र के झरना टोला टीचर काॅलोनी निवासी ओमप्रकाश यादव के अनुसार, उनकी मां की मौत 31 अक्तूबर 2016 को हुई थी। इसका वैध प्रमाण पत्र विकास खंड रुद्रपुर से जारी हुआ था। इसके बाद आरोपियों ने उनके मां के नाम से जमीन पर अपना हक जताने के लिए पहला फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र 12 अप्रैल 2019 को जारी कराया था, जिसे शिकायत के बाद नगर निगम गोरखपुर ने 14 दिसंबर 2020 को निरस्त कर दिया।बाद में विपक्षियों ने वर्ष 2020 में दोबारा दूसरा फर्जी प्रमाण पत्र नए पंजीयन नंबर से निकलवाया, जिसे 13 अप्रैल 2023 को रद्द कर दिया गया था।

आरोप है कि इसके बावजूद विपक्षियों ने तीसरी बार 11 अगस्त को उनकी मां के नाम से नया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया। उनका आरोप है कि इस बार नगर निगम के सुपरवाइजर सहित संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से यह प्रमाण पत्र जारी हुआ है।पीड़ित ने बताया कि जालसाजी के संबंध में उन्होंने पहले ही आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसका आरोपपत्र भी न्यायालय में प्रेषित है। इसके बावजूद लगातार जारी जालसाजी से वह और उनका परिवार परेशान है। मामला संज्ञान में आने के बाद पीड़ित ने एसएसपी राजकरन नय्यर से गुहार लगाई थी।

पीड़ित की तहरीर पर पिता-पुत्र और प्रमाणपत्र जारी करने वाले आरोपी नगर निगम कर्मचारी और अधिकारी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी, षड़यंत्र समेत अन्य गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी: अभिनव त्यागी *एसपी सिटी*

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