गोरखपुर ट्रेडिंग कंपनी में निवेश का झांसा देकर ठगी, करोड़ों रुपये लेकर भागा जालसाज

गोरखपुर ट्रेडिंग कंपनी में निवेश का झांसा देकर ठगी, करोड़ों रुपये लेकर भागा जालसाज
सिंघड़िया इलाके के श्रीराम सिटी में आरोपी युवक ने ऑफिस खोला था। वहीं, सिंघड़िया गैस गोदाम गली में एक शोरूम भी था। पीड़ित राम सिंह बेदी ने आरोप लगाया कि जुलाई 2024 में युवक ने यहां कंपनी शुरू की। उसने ट्रेडिंग में 15 प्रतिशत हर महीने रिटर्न का लालच दिया था।
सिंघड़िया इलाके में फर्जी ट्रेडिंग कंपनी खोलकर करोड़ों रुपये की जालसाजी का मामला सामने आया है। करीब 50 लोगों से रुपये लेने के बाद कंपनी मालिक ऑफिस बंद कर भाग गया है। ठगी का अहसास होने के बाद पीड़ितों ने एसपी सिटी से गुहार लगाई। एसपी सिटी के निर्देश पर कैंट पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, सिंघड़िया इलाके के श्रीराम सिटी में आरोपी युवक ने ऑफिस खोला था। वहीं, सिंघड़िया गैस गोदाम गली में एक शोरूम भी था। पीड़ित राम सिंह बेदी ने आरोप लगाया कि जुलाई 2024 में युवक ने यहां कंपनी शुरू की। उसने ट्रेडिंग में 15 प्रतिशत हर महीने रिटर्न का लालच दिया था।
साथ ही साढ़े 13 महीने में रुपये डबल होने की बात कही थी। शुरू के दो-तीन महीने उसने भरोसा जीतने के लिए रुपये भी दिए। भरोसा बढ़ा तो लोन लेकर और रुपये निवेश कर दिए। बताया कि अब तक कुल 25 लाख रुपये कंपनी में लगा चुके हैं।
आरोप लगाया कि पिछले कुछ माह से रिटर्न आना बंद हो गया था। आरोपी ने अपना माेबाइल नंबर बंद कर लिया और कार्यालय पर ताला लगाकर भाग गया।पीड़ित संतोष कुमार मौर्य ने बताया कि जीवनभर की जमा-पूंजी (15 लाख) ट्रेडिंग कंपनी में लगा दी। कुछ महीनों तक वह रकम देता रहा और इसी को देखकर कुछ नए लोगों ने भी निवेश कर दिया। मीना सिंह ने नौ लाख, संदीप श्रीवास्तव ने छह लाख, व्यास करण ने एक लाख, राजकुमार ने 10.50 लाख, राजबहादुर यादव ने 5.10 लाख, बलराम ने दो लाख समेत करीब 50 लोगों ने निवेश किया था।
बिहार का रहने वाला है आरोपीठगी के शिकार लोगों का कहना है कि आरोपी युवक बिहार के सिवान का मूल निवासी है। उसने अपने आधार कार्ड में पता बदलवा लिया था। खुद को गोरखपुर का बताकर उसने लोगों का भरोसा जीता। इसके बाद उनसे रुपये निवेश करवाए।व्यापारी वर्ग को बनाया निशानाआरोपी ने सबसे अधिक व्यापारियों को ठगी का शिकार बनाया है। ये वे व्यापारी हैं, जो मोहल्ले में दुकान खोलकर अपना जीवनयापन करते हैं। नौकरीपेशा वाले बहुत कम लोग इसका शिकार हुए। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।